Thursday, Oct 30, 2025

प्रदेश भर में हुई मॉक ड्रिल के दौरान 10 मिनट रहा ब्लैक आउट: पुलिस कर्मी, फायर कर्मी व अन्य कर्मचारियों ने अभ्यास किया


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चंडीगढ़ : केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसान प्रदेश के सभी 22 जिलों में मॉक ड्रिल की गई। दोपहर बाद चार बजे सायरन बजते ही मॉक ड्रिल शुरू हुई और आपरेशन अभ्यास के तहत आपदा से निपटने के लिए पुलिस कर्मी, फायर कर्मी और अन्य कर्मचारियों ने अभ्यास किया। वहीं प्रदेशभर में 10 मिनट ब्लैक आउट रहा। सायं 7.50 बजे से 8.00 बजे तक अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत होने वाली मॉक ड्रिल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक के दौरान, रस्तोगी ने मॉक ड्रिल के संचालन सम्बन्धी पहलुओं के बारे में सभी उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को व्यापक निर्देश जारी किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अभ्यास प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर शुरू होगा। उपायुक्तों को इस समन्वित प्रतिक्रिया के भाग के तौर पर अपनी नागरिक सुरक्षा प्रणालियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं।



 पुलिस, एनसीसी और आपदा मित्र हुए मॉक ड्रिल में शामिल

मॉक ड्रिल में होमगार्ड, सिविल डिफेंस वालंटियर, पुलिस, एनसीसी अधिकारी और आपदा मित्र शामिल हुए। मुख्य सचिव ने दोहराया कि इस अभ्यास का उद्देश्य तैयारी और एहतियात बरतना है, न कि घबराहट बढ़ाना। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को ये भी निर्देश दिए कि वे लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करें कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को करें। उन्होंने कहा ड्रिल के दौरान ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी के प्रसार में मदद करने के लिए सामुदायिक नेताओं और प्रमुख स्थानीय हस्तियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।



मॉक ड्रिल 11 जिलों में अनिवार्य थी, लेकिन सभी जिलों में की गई

गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि वैसे तो सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल हरियाणा के 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन तैयारियों को मजबूत करने के लिए, प्रदेश के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की गई, जो सायरन बजने के साथ शाम 4 बजे शुरू हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला और राज्य, दोनों स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। 28 जनवरी, 2025 को अधिसूचित इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया तंत्र को सुव्यवस्थित करना, आपातकालीन स्थितियों के दौरान भ्रम को कम करना और तदर्थ उपायों पर निर्भरता को कम करना है। आईआरएस संरचना के भाग के तौर पर, मुख्य सचिव जिम्मेदार अधिकारी (आरओ) के रूप में काम करेंगे जबकि वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) और अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व को इनसीडेंट कमांडर (आईसी) के रूप में नामित किया जाएगा। प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिला घटना समन्वयक (डीआईसी), नोडल अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी, संपर्क अधिकारी तथा सूचना और मीडिया अधिकारी सहित राज्य स्तर पर प्रमुख भूमिकाएं भी तय की गई हैं।


 

हरियाणा में मेगा सिविल डिफेंस ड्रिल का आयोजन

हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला में स्थापित कंट्रोल रूम से ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत प्रदेश में आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की मॉनिटरिंग की। इस दौरान उन्होंने डायल 112 पर आने वाली फोन कॉल्स के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति के लिए खुद को तैयार करने के लिए है। किसी भी नागरिक को घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दी जा रही सूचनाओं का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल की गई है और कंट्रोल रूम से पूरे प्रदेश की लाइव फीड पर नजर रखी जा रही है। कई जगहों पर मॉल्स में मॉक ड्रिल की गई है, तो कई जगहों पर जिला सचिवालयों में यह अभ्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सभी जिलों में चल रहा एक व्यापक अभ्यास है।


 

 मॉक ड्रिल का उद्देश्य तैयारी और सतर्कता

हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए हैं कि आज पूरे राज्य में की गई मॉक ड्रिल को हर साल 7 मई को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा ताकि 3 पी - तैयारी, सावधानी और कोई घबराहट नहीं - सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. मिश्रा ने लोगों से जिला प्रशासन द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य तैयारी और सतर्कता है। इसलिए लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आपदा की तैयारियों को बढ़ाने और आपात स्थिति के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में इस तरह की मॉक ड्रिल के महत्व पर जोर दिया।

author

Vinita Kohli

प्रदेश भर में हुई मॉक ड्रिल के दौरान 10 मिनट रहा ब्लैक आउट: पुलिस कर्मी, फायर कर्मी व अन्य कर्मचारियों ने अभ्यास किया

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