- by Super Admin
- Jun, 10, 2024 02:30
चंडीगढ़: कांग्रेस ने सोमवार को पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुईं फसलों के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवज दिए जाने को खारिज कर दिया और इसे अपर्याप्त बताया। पार्टी ने कहा कि किसानों को अपने खेतों से रेत बेचने की अनुमति देना उनके प्रति कोई विशेष उपकार नहीं है। पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को क्षतिग्रस्त हुई फसलों के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया और बाढ़ के बाद किसानों को अपने खेतों में जमा रेत निकालने और बेचने की अनुमति देने वाली योजना को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि किसानों को हो रहा मौजूदा नुकसान सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त फसलों के कारण किसानों को पहले ही लगभग 50,000 रुपये प्रति एकड़ का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि ये दीर्घकालिक नुकसान हैं क्योंकि न केवल फसलें नष्ट हुई हैं, बल्कि मिट्टी भी क्षतिग्रस्त हुई है।
भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने सोमवार को कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करते हुए प्रीमियम का अपना हिस्सा दिया होता, तो बाढ़ प्रभावित किसानों को के तहत आसानी से मुआवजा मिल सकता था। उन्होंने कहा कि मान सरकार के कारण किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा से वंचित हो गए। जाखड़ ने आरोप लगाया कि प्रीमियम देने के बजाय, भगवंत मान सरकार ने सरकारी धन खर्च करके ‘प्रचार’ को प्राथमिकता दी। एक बयान में जाखड़ ने कहा कि वर्ष 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों से फसलों को होने वाले नुकसान के लिए कवर प्रदान किया जाता है।