- by Vinita Kohli
- Jan, 21, 2025 11:29
अंबाला: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी इसी एयरबेस से एक अलग विमान में उड़ान भरी। राफेल विमान में चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट’ पहना था। हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। पूर्वाह्न 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। आज सुबह वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था।
सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी और वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बनी थीं। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे थे। पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राफेल विमानों का इस्तेमाल किया गया था। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण सैन्य झड़प हुईं, जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद 10 मई को समाप्त हुईं।