- by Vinita Kohli
- Nov, 05, 2025 07:01
बरनाला: सप्त सिंधु फ़ोरम ने सप्त सिंधु सॉलिडेरिटी सिने अवॉर्ड्स और कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया, जिसमें फ़िल्म जगत, उद्योग जगत और सार्वजनिक जीवन से जुड़ी प्रमुख हस्तियों ने पंजाब की सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का उत्सव मनाया। इस समारोह में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रदीप जोशी ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने सांस्कृतिक निरंतरता और सभ्यतागत पहचान को संरक्षित करने में रचनात्मक अभिव्यक्ति की भूमिका पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथियों में राज्यसभा सांसद और ट्राइडेंट समूह के चेयरमैन एमेरिटस पद्मश्री राजिंदर गुप्ता, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, होमलैंड ग्रुप के सीईओ उमंग जिंदल और टायनोर ऑर्थोटिक्स के स्ट्रैटेजिक डायरेक्टर अभय नूर सिंह शामिल रहे।
यह कॉन्क्लेव सप्त सिंधु फ़ोरम के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र गर्ग के नेतृत्व में आयोजित हुआ और निवेदिता ट्रस्ट व पीएफ़टीएए के सहयोग से आयोजित किया गया। आयोजकों ने बताया कि इस कार्यक्रम की संकल्पना सप्त सिंधु क्षेत्र की 12,000 वर्ष पुरानी सभ्यतागत धरोहर को समर्पित थी, जिसे ऐतिहासिक रूप से सात नदियों की धरती के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाबी सिनेमा कहानी, लोकसाहित्य, संगीत और सामुदायिक स्मृति पर आधारित प्राचीन कलात्मक परंपरा को आगे बढ़ाता है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सप्त सिंधु के आधिकारिक लोगो का विमोचन और फ़ोरम के यूट्यूब चैनल की शुरुआत रही, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक प्रसार को और व्यापक बनाना है।
इस अवसर पर पंजाबी सिनेमा के लगभग सौ वर्षों की यात्रा पर आधारित एक विशेष रूप से तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई, जिसमें ऐतिहासिक फ़िल्मों, दिग्गज कलाकारों और उद्योग की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को दर्शाया गया। पद्मश्री निर्मल ऋषि, मोहम्मद सदिक़ और पद्मश्री डॉ. जसपिंदर नरूला को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा बिन्नू ढिल्लों, जसबीर जस्सी, तानिया, गुग्गू गिल, निंजा, सरदार सोही, अमर नूरी, देव खरोड़ और समीप कंग सहित कई प्रमुख कलाकारों को सम्मानित किया गया। समारोह का समापन मास्टर सलीम के लाइव संगीत प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसने दर्शकों से उत्साहपूर्ण प्रशंसा प्राप्त की। आयोजकों ने कहा कि यह कॉन्क्लेव सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने और सिनेमा तथा कला के माध्यम से पंजाबी पहचान को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि फ़ोरम आने वाले समय में शोध, रचनात्मक सामग्री निर्माण और वैश्विक स्तर पर पंजाबी संस्कृति के प्रतिनिधित्व को आगे बढ़ाने की दिशा में निरंतर कार्य करता रहेगा।