- by Vinita Kohli
- Jan, 04, 2025 10:37
बरनाला: जिले के थाना सदर बरनाला के अंतर्गत आने वाले गांव ठीकरीवाला की रहने वाली एक महिला भाजपा नेता की जवान बेटी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज बरनाला की फीस न जमा कर पाने से परेशान होकर गत शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल बरनाला की मोर्चरी में लाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, रानी कौर पत्नी भोला सिंह निवासी पट्टी मान, नज़दीक दाना मंडी ठीकरीवाला की बेटी रमनप्रीत कौर (करीब 22 साल) यूनिवर्सिटी कॉलेज घड़ूआं (बरनाला) में बीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही थी। कुछ दिनों बाद ही उसकी परीक्षा शुरू होनी थी। उसने फीस भरने के लिए अपने परिवार से पाँच हज़ार रुपये मांगे। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ठीक न होने के कारण परिवार ने फीस भरने में कुछ दिनों की असमर्थता व्यक्त की।
पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि रमन कई दिनों से बता रही थी कि कॉलेज की प्रिंसिपल उस पर दबाव डाल रही थीं कि अगर उसने बकाया फीस नहीं भरी तो उसे परीक्षा में बैठने के लिए रोल नंबर नहीं दिया जाएगा। इस तरह फीस का कोई प्रबंध न होते देख वह काफी मानसिक रूप से परेशान हो गई। जिस कारण उसने मंगलवार शाम कमरे के अंदर छत में लगे गार्डर में चुन्नी डालकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब कुछ समय तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तो पारिवारिक सदस्यों ने कमरे में जाकर देखा तो वह गार्डर से लटकी हुई थी। तुरंत ही परिवार ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थाना सदर बरनाला के एएसआई गुरमेल सिंह पुलिस पार्टी सहित पहुँचकर शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल बरनाला की मोर्चरी में रखवाया। इस संबंध में थाना सदर बरनाला के एसएचओ इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने कहा कि पुलिस आत्महत्या की घटना की हर पहलू से जांच कर रही है। पारिवारिक सदस्यों के बयान और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर अगली कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
फीस न भरने के कारण कोई दबाव नहीं डाला गया: प्रिंसिपल
यूनिवर्सिटी कॉलेज बरनाला की प्रिंसिपल विभा ने स्वीकार किया कि रमनप्रीत कौर उनके कॉलेज में पढ़ती थी। लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने उस पर फीस न भरे जाने के कारण कोई दबाव नहीं डाला। उन्होंने कहा कि रमनप्रीत कौर को दलित समाज से संबंधित होने के कारण स्कॉलरशिप भी मिलती थी। पिछले बीए भाग दूसरे साल की स्कॉलरशिप भी मार्च 2025 में उसके खाते में आ चुकी थी। फिर भी उसने कॉलेज की पिछले साल की 5570 रुपये की फीस नहीं भरी। जबकि नियमों के अनुसार यह राशि विद्यार्थी के खाते में आने के बाद एक हफ्ते के अंदर-अंदर कॉलेज में जमा करवाना ज़रूरी होता है।
इसलिए उसे वह फीस जमा करवाने के लिए कहा गया था। पर उसने या उसके परिवार ने मुझसे मिलकर अपनी कोई मजबूरी नहीं बताई। उन्होंने कहा कि कॉलेज के बच्चों की करीब 35 लाख रुपये की फीस बकाया रहती है, जिन्हें भरने के लिए हमें विद्यार्थियों को परीक्षा के रोल नंबर न देने के लिए कहना ही पड़ता है। पर किसी का रोल नंबर रोका नहीं जाता। उन्होंने यह भी बताया कि रमनप्रीत कौर द्वारा फाइनल ईयर की स्कॉलरशिप के लिए भी अप्लाई नहीं किया गया। उन्होंने रमनप्रीत कौर की आत्महत्या पर गहरे दुख का भी इज़हार किया। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है, रमनप्रीत कौर की आत्महत्या की कोई और भी वजह रही हो।