- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
 
                            
चंडीगढ़ : तेजी से बदलते डिजिटल दौर में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में चंडीगढ़ पुलिस ने एक और अहम पहल की है। शुक्रवार को आईटी पार्क स्थित इंफोसिस कैंपस में ‘साइबरथॉन.एआई 2025’ का शुभारंभ हुआ, जिसका उद्देश्य नवाचार, तकनीकी सहयोग और साइबर अपराध से निपटने के आधुनिक उपायों को बढ़ावा देना है। यह आयोजन दो दिवसीय है और शुक्रवार और शनिवार को आयोजित किया जा रहा है। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन यूटी चंडीगढ़ के आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार, आईपीएस ने किया। उनके साथ एसपी साइबर गीतांजलि खंडेलवाल, डीएसपी साइबर ए वेंकटेश, इंफोसिस और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) के मास्टर हैक्स व एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस आयोजन में तकनीकी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, साइबर सुरक्षा से जुड़े कानून प्रवर्तन एजेंसियों और युवा नवाचारकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उद्घाटन सत्र में यह बात प्रमुखता से सामने आई कि साइबरथॉन और हैकथॉन जैसे आयोजन आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधों से लड़ने के लिए कितने आवश्यक हो गए हैं। जहां हैकथॉन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी मिलकर नवाचार को बढ़ावा देते हैं, वहीं साइबरथॉन विशेष रूप से डिजिटल सुरक्षा पर केंद्रित होता है।
चंडीगढ़ पुलिस वर्ष 2019 से ऐसे आयोजनों की अगुवाई कर रही है और अब तक कई सफल हैकथॉन और साइबरथॉन कर चुकी है। इस बार ‘साइबरथॉन.एआई 2025’ में खास फोकस डीपफेक की पहचान, क्रिप्टो करेंसी आधारित अपराधों की ट्रैकिंग, सोशल मीडिया से जुड़ी धमकियों का विश्लेषण और एआई आधारित पुलिसिंग टूल्स के विकास पर है। 81 नामांकनों में से चुनी गईं 11 टीमें अब दो दिन तक चलने वाले इस मैराथन कोडिंग इवेंट में भाग लेंगी, जिसमें वे साइबर अपराधों से निपटने के लिए वास्तविक समय में तकनीकी समाधान विकसित करेंगी। इन्हें इंफोसिस और पेक के विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। यह आयोजन न केवल चंडीगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे पुलिसिंग को तकनीक से जोड़कर देश को साइबर अपराधों के खिलाफ अधिक सक्षम बनाया जा सकता है।