Wednesday, Dec 31, 2025

चंडीगढ़ का सीरियल किलर दोषी करार: 15 साल पहले एमबीए छात्रा की बलात्कार के बाद की थी हत्या, 3 महिलाओं के मर्डर का आरोपी


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चंडीगढ़: चंडीगढ़ में पंद्रह साल पहले हुई एमबीए छात्रा की बलात्कार के बाद हत्या की घटना आज यानी गुरुवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। अदालत ने इस दिल दहलाने वाले मामले में मोनू कुमार को दोषी करार दे दिया है, जिसे पुलिस लंबे समय तक पकड़ भी नहीं पाई थी। कल कोर्ट उसे सज़ा सुनाएगी। फैसले की घड़ी में पीड़िता के माता-पिता भी अदालत में मौजूद थे, जिनके चेहरे पर एक राहत तो थी, लेकिन साथ ही वह अंतिम न्याय यानी सजा का इंतज़ार कर रहे थे। यह वही मामला है जो 2010 में पूरी तरह अंधकार में खो गया था। पुलिस के पास छात्रा की हत्या का डीएनए सैंपल तो था, पर आरोपी का कोई पता नहीं था। 12 साल तक सुराग न मिलने पर पुलिस ने इसे अनट्रेस्ड घोषित कर दिया, और परिवार ने भी उम्मीदें लगभग छोड़ दी थीं।


लेकिन साल 2022 में हालात बदल गए जब चंडीगढ़ में ही एक और महिला की उसी पैटर्न पर हत्या हुई। यह हत्या पुलिस के लिए एक पुराने केस का दरवाज़ा फिर खोलने वाली साबित हुई। इस जांच में पुलिस ने 100 से ज्यादा डीएनए टेस्ट कराए, करीब 800 लोगों से पूछताछ की और आखिरकार पुलिस डड्डूमाजरा, शाहपुर कॉलोनी के रहने वाले मोनू कुमार तक पहुँची। हालांकि नाम सामने आ जाने के बाद भी उसे पकड़ना आसान नहीं था, क्योंकि वह चंडीगढ़ छोड़कर बिहार जा चुका था। उसके पास मोबाइल फोन नहीं था, न कोई आधार कार्ड, और न बैंक अकाउंट। इसलिए उसकी लोकेशन ट्रेस करना लगभग असंभव जैसा था। इन सभी अड़चनों के बावजूद किस्मत ने तब साथ दिया जब 2024 में वह चंडीगढ़ वापस लौटा। मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ में उसने न सिर्फ दोनों महिलाओं की हत्या कबूल की, बल्कि यह भी बताया कि 2008 में हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक बच्ची के साथ रेप और हत्या का अपराध भी उसी ने किया था।



2010 में 21 साल की एमबीए छात्रा की रेप के बाद हत्या  

2010 की उस भयानक रात को याद करें तो तस्वीर और भी भयावह हो जाती है। 21 साल की एमबीए छात्रा, जो रोज की तरह 30 जुलाई की शाम को कोचिंग के लिए घर से निकली थी, देर रात तक वापस नहीं लौटी। फोन बंद था और जब परिवार ने कोचिंग जाकर पता किया तो वहाँ भी कोई जानकारी नहीं मिली। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद परिवार खुद तलाश में निकला तो सेक्टर 38 स्थित करन टैक्सी स्टैंड के पास उसकी स्कूटी मिली, जिस पर खून के छींटे थे। कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में छात्रा का शव खून से लथपथ, बिना कपड़ों के मिला। परिजन उसे उसी हालत में PGI लेकर गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम और जांच में पता चला कि उसके सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किया गया था, गला घोंटा गया था और फिर उसके साथ दरिंदगी की गई थी। पुलिस ने कातिल का डीएनए तो इकट्ठा कर लिया था, लेकिन वह डीएनए किसी से मैच नहीं हो रहा था। साल दर साल गुजरते गए, उम्मीदें टूटती गईं और आखिरकार मामला बंद कर दिया गया।



2022 में एक और रेप-हत्या की घटना

फिर 12 जनवरी 2022 को चंडीगढ़ फिर एक वैसी ही वारदात से दहल उठा। मलोया के जंगलों में 40 वर्षीय महिला की नग्न लाश मिली। उसके हाथ-पैर बंधे थे, निजी अंगों पर गंभीर चोटें थीं और मुंह में जुराब ठूंसी हुई थी। हालात बिल्कुल वही थे जो 2010 में छात्रा के साथ देखे गए थे। महिला के पति ने एक दिन पहले उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि वह अपनी पत्नी मनदीप के साथ बाजार गया था, लेकिन पैसे घर पर रह जाने पर उसे वहीं छोड़कर पैसे लेने घर गया, और वापस आने पर पत्नी गायब थी। अगले दिन उसकी लाश मिली। पुलिस ने यह केस भी गंभीरता से खोला, लेकिन कई सप्ताहों की जांच के बाद भी आरोपी हाथ नहीं आया। हालांकि, इस बार भी पुलिस के पास कातिल का डीएनए मौजूद था और यही डीएनए धीरे-धीरे एक ऐसे नाम तक पहुँचा जिसने दोनों केसों को एक सूत्र में 

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Vinita Kohli

चंडीगढ़ का सीरियल किलर दोषी करार: 15 साल पहले एमबीए छात्रा की बलात्कार के बाद की थी हत्या, 3 महिलाओं के मर्डर का आरोपी

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