- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
मोहाली: पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने सभी ज़िलों को निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2022 और 2023 से संबंधित हिट-एंड-रन (अज्ञात वाहनों से हुए सड़क हादसों) के लंबित मुआवज़ा मामलों का शीघ्र निपटारा करते हुए मार्च 2026 तक मुआवज़े की राशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। ज़िला प्रशासनिक परिसर, मोहाली में साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर, फ़तेहगढ़ साहिब, रूपनगर और एसबीएस नगर के लिए आयोजित ओरिएंटेशन-कम-ट्रेनिंग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) एक माह के भीतर मामलों की जांच पूरी करें, जबकि डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता वाली ज़िला समितियां इसके बाद दो सप्ताह में मामलों का निपटारा सुनिश्चित करें। उन्होंने दोहराया कि योजना के तहत सड़क हादसे में मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायल होने पर 50,000 रुपये मुआवज़ा दिया जाता है और सभी लंबित मामलों को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए।
प्रक्रिया की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि पीड़ित परिवार दुर्घटना क्षेत्र के संबंधित एसडीएम-कम-क्लेम्स इन्क्वायरी ऑफिसर के पास आवश्यक दस्तावेज़ों सहित आवेदन प्रस्तुत करें। सत्यापन के उपरांत एसडीएम मामले को डिप्टी कमिश्नर-कम-क्लेम्स सेटलमेंट कमिश्नर की अध्यक्षता वाली ज़िला समिति को भेजेगा, जो स्वीकृति के बाद इसे संबंधित ज़िले के लिए नामित बीमा कंपनी के नोडल अधिकारी को अग्रेषित करेगी। परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि हिट-एंड-रन मुआवज़ा योजना के अंतर्गत दावा प्रक्रिया अत्यंत सरल, पारदर्शी और पूर्णतः निःशुल्क है तथा इसमें किसी भी प्रकार के बिचौलिये या एजेंट की कोई आवश्यकता नहीं है। पीड़ित परिवार सीधे संबंधित एसडीएम कार्यालय में अपने दावे जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि फ़ॉर्म-I के साथ अनिवार्य रूप से संलग्न किए जाने वाले दस्तावेज़ों में दावेदार की बैंक पासबुक (पूर्ण विवरण सहित), यदि लागू हो तो कैशलेस उपचार का बिल, पीड़ित एवं दावेदार का पहचान एवं पता प्रमाण, पुलिस एफआईआर की प्रति, मृत्यु की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं मृत्यु प्रमाण पत्र अथवा चोट की रिपोर्ट शामिल हैं।
सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर कम करने और पीड़ित परिवारों को समय पर मुआवज़ा प्रदान करने के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के अंतर्गत कार्यरत लीड एजेंसी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा लंबित मामलों के निपटारे हेतु ज़िला-स्तरीय ओरिएंटेशन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जानकारी दी गई कि वर्तमान में वर्ष 2022 और 2023 से संबंधित लगभग 3,300 मृत्यु के मामले तथा 1,500 गंभीर घायल मामलों का निपटारा लंबित है। इस अवसर पर परिवहन मंत्री ने एक जागरूकता सामग्री भी जारी की। बैठक में आर. वेंकटरत्नम, महानिदेशक, लीड एजेंसी ऑन रोड सेफ्टी, डिप्टी कमिश्नर सुश्री कोमल मित्तल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन), लीड एजेंसी ऑन रोड सेफ्टी,परमजीत सिंह, एनजीओ अवॉइड एक्सीडेंट से हरप्रीत सिंह एवं अराइव सेफ से हरमन सिद्धू सहित विभिन्न जिलों के एसडीएम, एसपी/डीएसपी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ज़िला अटॉर्नी (अभियोजन) और सिविल सर्जन उपस्थित थे।