- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
चंडीगढ़: शहर की सड़कों पर अगले सप्ताह पीएम ई बस सेवा के अंतर्गत चलने वाली 25 इलेक्ट्रिक बसों के उतरने की उम्मीद है। चंडीगढ़ में 15 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं और बाकी बसों की एक सप्ताह में आने की उम्मीद है। जैसे ही सारी बसें आ जाएंगी, उनको यात्रियों के लिए चलवा दिया जाएगा। चंडीगढ़ पूरे देश में पहला ऐसा शहर होगा, जहां पर पीएम ई बस सेवा स्कीम के तहत ये बसें चलेंगी। इन 25 इलेक्ट्रिक बसों के चलने से लॉन्ग रूट की जो डीजल बसें लोकल रूट पर चल रही हैं उन्हें वापस लॉन्ग रूट पर भेज दिया जाएगा। फिलहाल जो इलेक्ट्रिक बसें आई हैं वह डिपो नंबर-4 पर खड़ी हैं। प्रशासन के परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत चंडीगढ़ के लिए अतिरिक्त 328 नई इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी गई है। चंडीगढ़ को मिलने वाली 100 इलेक्ट्रिक बसों में से ये पहली फ्लीट में 25 बसें की है। इसके बाद बाकी 75 बसें अगले साल अप्रैल से पहले आ जाएंगी। शहर में 2010 में आई डीजल बसों को रोड से हटाने के बाद ये नई बसें सीटीयू को मिली हैं।
हाल ही में इन बसों की टेस्टिंग के लिए आई प्रोटोटाइप बस टेस्टिंग में पास पाई गई हैं। पीएम ई-बस सेवा की इंस्पेक्शन के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की टीम चंडीगढ़ पहुंची थी। इस टीम ने तीन दिन तक एक इलेक्ट्रिक बस का इंस्पेक्शन किया। टीम ने बस को 160 किमी तक लगातार चलाया और जांच की। इस दौरान माइलेज पर फोकस रहा। इस बस की जांच के दौरान बस की ऊंचाई, इसका बॉडी स्ट्रक्चर, ग्राउंड क्लीयरेंस, यात्रियों के बैठने के लिए लगाई गई सीटों, यात्रियों की सुरक्षा, बस में लगाए गए कैमरे और जीपीएस की क्वालिटी के साथ आपातकालीन स्थिति के लिए बनाए गए निकास पॉइंट का निरीक्षण किया गया था। 3 दिनों तक चली बस की टेस्टिंग करने वाली टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को भेजी थी। टेस्टिंग की रिपोर्ट भेजे जाते ही इन बसों को तैयार करने वाली कंपनी ने बसों की सप्लाई चंडीगढ़ भेजनी शुरू कर दी थी।
इन बसों में कई तरह की नई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल किया गया है। खासतौर से दिव्यांग फ्रेंडली बनाने के लिए बटन के जरिए ही डोर से रैंप बाहर होने और उसके साथ व्हील चेयर भी बाहर जाने को लेकर विकल्प रखा गया है। सीनियर सिटिजन, बच्चों और महिलाओं की सुविधा 400 मिमी की फ्लोर हाइट रखी गई है। इन लो फ्लोर एसी बसों की लंबाई 15 मीटर है। एक बार चार्ज होने पर 224 किलोमीटर चलेगी। बस में ड्राइवर और व्हील चेयर के अलावा 36 यात्रियों के बैठने और 20 लोगों खड़े हो सकते हैं। यात्रियों के लिए बस स्टॉप पर बस रुकवाने के लिए आवाज देने या कंडक्टर को सीटी बजाने की जरूरत नहीं बल्कि अपने स्टेशन से पहले बस रुकवाने के लिए बटन दबा सकते हैं। यात्रियों को सूचित करने के लिए आगे, पीछे और साइड में इंफार्मेशन डिस्पले स्क्रीन लगाई गई है।
चंडीगढ़ से ही अगर इस स्कीम की बसें रूट पर उतरती है तो इनके शुभारंभ के लिए केंद्रीय मंत्री भी चंडीगढ़ आ सकते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत चंडीगढ़ के लिए अतिरिक्त 328 नई इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है। लंबे समय से यूटी के लिए 328 ई-बसों का मामला अटका हुआ था। इसे लेकर कुछ महीने पहले प्रशासक गुलाबचंद कटारिया दिल्ली भी गए थे और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी। वर्तमान में 80 इलेक्ट्रिक बसें ट्राइसिटी की सड़कों पर दौड़ रही हैं। नई इलेक्ट्रिक बसें आने से जहां शहर कार्बन मुक्त होगा वहीं शहर की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पहले के मुकाबले दुरस्त होगी । ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चरणबद्ध तरीके से ही बसें मंगवाई जा रहीहैं। डीजल बसों को हटाने के बावजूद भी शहर में ज्यादा दिक्कत नहीं आई है। जैसे-जैसे ही बसें आनी शुरू हो जाएंगी फिर से लोकल रूटों पर बसों की संख्या बढ़ जाएगी। प्रशासन ने 15 साल का कार्यकाल पूरा होने के कारण 85 डीजल बसों को ट्राईसिटी की लोकल सड़कों से हटाया है।