Monday, Dec 29, 2025

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुआ ‘फ्लाईकैचर’ बना आकर्षण का केंद्र, राज्यपाल मुख्य अतिथि


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चंडीगढ़: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में पाकिस्तान के दर्जनों ड्रोन को तबाह करने वाले भारतीय सेना के उपकरण अब ‘सिटी ब्यूटीफुल’ के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शुक्रवार को लेक क्लब में शुरू हुए 9वें मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में सेना के असली हथियारों को आम जनता के लिए प्रदर्शित किया गया है। यहां लोग न केवल हथियारों को देख सकते हैं, बल्कि उन्हें उठा सकते हैं, उनके साथ तस्वीरें ले सकते हैं और सीधे सैनिकों से उनकी कार्यप्रणाली की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि एंट्री पूरी तरह फ्री है।


फेस्टिवल में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबका ध्यान खींच रहा है “आरडीआर एफडब्ल्यूसीएस”, जिसे आमतौर पर “फ्लाईकैचर” के नाम से जाना जाता है। यह एक रडार प्रणाली है जो दुश्मन की गतिविधियों का पता लगाकर टारगेट को लॉक करती है और उसे नष्ट कर देती है। हाल ही में हुए इंडो–पाक युद्ध के दौरान ऑपरेशन सिंदूर में इसी तकनीक का इस्तेमाल पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही तबाह करने के लिए किया गया था। यह एक साथ चार लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखता है। इसकी रेंज 300 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक है और यह 4000 मीटर की ऊंचाई तक कार्य कर सकता है। इसकी शक्ति 200 किलोवाट है और यह 360 डिग्री घूमकर लक्ष्य पर नजर रख सकता है। इसके अलावा प्रदर्शनी में सेना के नवीनतम हथियार भी लोगों की उत्सुकता का कारण बने हुए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है फिनलैंड में निर्मित .338 साको टीआरजी-43 स्नाइपर राइफल, जिसका वजन 5.3 किलोग्राम है और रेंज 1200 मीटर तक है। वहीं 7.62 मिमी एके-203 राइफल ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बनी स्वदेशी राइफल है, जिसका वजन 3.6 किलोग्राम और रेंज 800 मीटर तक है।


इस वर्ष फेस्टिवल की थीम 1965 के भारत-पाक युद्ध में वीरगति प्राप्त शहीदों को समर्पित है। उद्घाटन समारोह में पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि रहे। समापन समारोह रविवार को होगा, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख एवं वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल होंगे। बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, इस बार मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल सोसाइटी ने पहली बार यह आयोजन नवंबर माह में किया है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली के 500 से अधिक स्कूलों के छात्र इस उत्सव में भाग ले रहे हैं।

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Vinita Kohli

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुआ ‘फ्लाईकैचर’ बना आकर्षण का केंद्र, राज्यपाल मुख्य अतिथि

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