Monday, Dec 29, 2025

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीनेट और सिंडीकेट के पुनर्गठन के आदेश को किया रद्द, अब नहीं होगा कोई बदलाव


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चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट के  पुनर्गठन को लेकर फैसले को तुरंत लागू करने पर रोक लगाने के दो दिनों बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात  सीनेट और सिंडीकेट के संविधान और संरचना को बदलने वाले आदेश को रद्द करने का फैसला लिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की मांग मान ली और फैसला लिया कि  पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट में कोई बदलाव नहीं होगा। दो दिन पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संशोधित आदेश में स्पष्ट किया गया था पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट, 1947 (ईस्ट पंजाब एक्ट 7 ऑफ 1947) केंद्र सरकार द्वारा तय की गई तारीख से, इन बदलावों के साथ लागू होगा। ये बदलाव बाद में जारी होने वाले एक नए नोटिफिकेशन की तारीख से ही लागू होने थे। लेकिन, जब इस अधिसूचना ते जारी होने के बाद भी पंजाब और चंडीगढ़ में राजनीतिक तूफान नहीं थमा तो केंद्र सरकार ने आखिरकार अपने इस फैसले को ही रद्द कर दिया।


केंद्र सरकार की ओर से 28 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर 59 साल में पहली बार यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडीकेट दोनों को पूरी तरह से पुनर्गठित किया था। इस कदम के तहत सिंडीकेट को चुनी हुई (इलेक्टेड) बॉडी से बदलकर पूरी तरह से नामांकित (नॉमिनेटेड) बॉडी में परिवर्तित कर दिया था। पीयू एक्ट, 1947 (ईस्ट पंजाब एक्ट 7 ऑफ 1947) के तहत नोटिफाई किए गए इन बड़े बदलावों से ग्रेजुएट कॉन्स्टिट्यूएंसी को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था, जबकि सीनेट सदस्यों की संख्या 90 सदस्यों से घटाकर अब सिर्फ 31 कर दी गई थी। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से चंडीगढ़ और पंजाब में राजनीतिक विरोध शुरू हो गया था।  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ऐतराज जताया था।

 


छात्र बोले, 10 नवंबर को ‘पीयू बंद’ में नहीं होगा बदलाव

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में बीते कुछ दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन ने एक बड़े आंदोलन का रूप लेने की तैयारी कर ली थी। कई राजनीतिक नेताओं, सांसदों से लेकर विधायकों तक, की यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूदगी ने पूरे घटनाक्रम को और भी गरमा दिया है। 10 नवंबर को “पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा” के बैनर तले “पंजाब यूनिवर्सिटी बंद” का ऐलान किया गया था। 


इस दिन सुबह 11 बजे यूनिवर्सिटी में एक विशाल प्रदर्शन की तैयारी की जा रही थी, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के छात्र, किसान, अध्यापक और मजदूर संगठन शामिल होंगे। हालाकि छात्रों ने स्पष्ट किया है की 10 नवंबर को निर्धारित "पीयू बंद" में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। 91 सदस्यीय सीनेट चुनावों की घोषणा होने तक मोर्चा अपने नए कार्यक्रम जारी करता रहेगा, और यह संघर्ष पूरी दृढ़ता, एकजुटता और जोश के साथ जारी रहेगा। आयोजकों ने दावा किया था कि हर जिले और हर गांव से कम से कम दो वाहन प्रदर्शनकारियों को लेकर चंडीगढ़ पहुंचेंगे। सोशल मीडिया पर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया गया है, साथ ही गांव-गांव बैठकों और गुरुद्वारों के माध्यम से आंदोलन के समर्थन में माहौल बनाया जा रहा था।



छात्रों ने कहा सीनेट चुनावों की घोषणा तक आंदोलन जारी रहेगा

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट में किए गए संशोधनों को रद्द किया जाना आंदोलन की एक बड़ी सफलता है और यह हमारी लगातार जारी लड़ाई में एक अहम कदम है। हालांकि छात्रों का कहना है कि उनका असली मकसद 91 सदस्यीय मूल सीनेट के चुनाव करवाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक इन चुनावों की आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। 

छात्रों ने दोहराया कि आंदोलन तब ही समाप्त किया जाएगा जब यूनिवर्सिटी प्रशासन 91 सदस्यीय सीनेट के चुनावों की तारीखों की औपचारिक घोषणा करेगा। पूर्व पीयूसीएससी वाइस प्रेसिडेंट अर्चित गर्ग ने कहा कि सीनेट से जुड़ा नोटिफिकेशन वापस लिया जाना केंद्र सरकार का कोई एहसान नहीं, बल्कि छात्रों और हितधारकों द्वारा लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक वर्ष से केंद्र सरकार जानबूझकर सीनेट चुनावों में देरी कर रही है, जिससे पंजाब यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता को कमजोर किया जा सके।


 

नेताओं का पीयू में जमावड़ा, पूरे दिन गहमागहमी रही

पंजाब यूनिवर्सिटी में शुक्रवार का दिन पूरी तरह सियासत से भरा रहा। सुबह से ही वीसी ऑफिस के बाहर बने धरना स्थल पर नेताओं का आना-जाना लगातार जारी रहा। सबसे पहले सुबह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी पहुंचे और छात्रों से मुलाकात की। दोपहर के समय कांग्रेस विधायक परगट सिंह और शिरोमणि अकाली दल (पुनर-सुरजीत) के प्रधान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर विरोध कर रहे छात्रों का समर्थन किया। शाम के वक्त अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 10 नवंबर को होने वाले संयुक्त विरोध प्रदर्शन में पूरी ताकत से शामिल होगी।

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Vinita Kohli

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीनेट और सिंडीकेट के पुनर्गठन के आदेश को किया रद्द, अब नहीं होगा कोई बदलाव

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