Saturday, Nov 8, 2025

चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने पीजीआई के सहयोग से किया फर्स्ट रिस्पांडर ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन


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चंडीगढ़: सड़क हादसों में कमी लाने और लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस द्वारा निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक (यूटी) पुष्पेंद्र कुमार, आईपीएस, और एसएसपी (सिक्योरिटी एवं ट्रैफिक) सुमेर प्रताप सिंह के मार्गदर्शन तथा डीएसपी (रोड सेफ्टी एंड डेवलपमेंट) लक्ष्य पांडे की देखरेख में, ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। शुक्रवार को चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के 20 से अधिक कर्मियों ने “प्रोग्राम फॉर प्रोफेशनल फर्स्ट रिस्पांडर्स: फ्रॉम रोड टू सेफ्टी” नामक विशेष कार्यशाला में भाग लिया। यह कार्यक्रम पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के एनेस्थीसिया एंड इंटेंसिव केयर विभाग द्वारा, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के सहयोग से, नेमस्कॉन 2025 कॉन्फ्रेंस के तहत आयोजित किया गया।


कार्यशाला का संचालन डॉ. काजल जैन, डॉ. विपिन कौशल, डॉ. नीरू सहनी, डॉ. वेंकटा गणेश, डॉ. श्वेता तलाठी, डॉ. शिवानी प्रशर, डॉ. मेदिपता कार्तिक, डॉ. अश्विनी ठाकुर और डॉ. पृतम पाणिग्रही सहित पीजीआई के डॉक्टरों की टीम ने किया। इस मौके पर पूर्व निदेशक डॉ. वाईएस चावला और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विपिन कौशल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने ट्रैफिक पुलिस और पीजीआई के इस संयुक्त प्रयास की सराहना की। वर्कशॉप के दौरान सीपीआर बेसिक्स, बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस), ब्लीडिंग कंट्रोल, ट्रॉमा पीड़ितों का सुरक्षित परिवहन, हेलमेट रिमूवल, सर्वाइकल स्पाइन इमोबिलाइजेशन और फ्रैक्चर स्प्लिंटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में इंस्पेक्टर डॉ. प्रवेश शर्मा, इंचार्ज चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क, सेक्टर-23, अपनी टीम के साथ मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण पुलिस कर्मियों को सड़क हादसों में तुरंत और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है तथा कई कीमती जानें बचाने में मददगार साबित हो सकता है।

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Vinita Kohli

चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने पीजीआई के सहयोग से किया फर्स्ट रिस्पांडर ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन

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