Saturday, Oct 4, 2025

पीओके में हिंसक विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच समझौता


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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई दिन से जारी हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों और संघीय सरकार ने आंदोलन खत्म करने को लेकर शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन प्रदर्शनों में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि निकाय ‘जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी’ (जेकेजेएसी) के अधिकारियों और नेताओं के बीच वार्ता विफल होने पर 29 सितंबर को शुरू हुई हड़ताल के दौरान हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने 38 बिंदुओं का एक ज्ञापन जारी कर अधिकारियों से उन्हें स्वीकार करने का आग्रह किया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि अगर उसे स्वीकार नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने अंततः ऐसा ही किया। इसके परिणामस्वरूप प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हुए।


तनाव बढ़ता देख पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बातचीत के जरिये समस्या का समाधान निकालने के लिए बुधवार को एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मुजफ्फराबाद भेजा था। पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के नेतृत्व में टीम ने लगातार दो दिन तक गहन चर्चा की। संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “वार्ता प्रतिनिधिमंडल ने एक्शन कमेटी के साथ अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं... प्रदर्शनकारी अपने घरों को लौट रहे हैं। सभी सड़कें फिर से खोल दी गई हैं। यह शांति की जीत है।” चौधरी की ओर से ‘एक्स’ पर साझा की गई समझौते की प्रति से पता चला है कि विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए 25 बिंदुओं वाले एक विस्तृत दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें हिंसा में मारे गए लोगों के लिए मुआवजा, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर आतंकवाद के आरोप में मामले दर्ज करना शामिल है।


संघीय सरकार ने मुजफ्फराबाद और पुंछ संभागों के लिए दो अतिरिक्त इंटरमीडिएट व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित करने पर भी सहमति व्यक्त की। इसके अलावा निर्णय लिया गया है कि स्थानीय सरकार मरीजों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने के लिए 15 दिन में धनराशि जारी करेगी और संघीय सरकार पीओके के प्रत्येक जिले में चरणबद्ध तरीके से एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा सहमति बनी है कि संघीय सरकार पीओके में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपये जारी करेगी। पीओके में मंत्रियों और सलाहकारों की संख्या घटाकर 20 की जाएगी और प्रशासनिक सचिवों की संख्या भी 20 से अधिक नहीं होगी। कुछ विभागों का विलय किया जाएगा। समझौते के अनुसार पाकिस्तान सरकार नीलम घाटी सड़क के काहोरी/कामसेर (3.7 किमी) और चपलानी (0.6 किमी) मार्ग पर दो सुरंगों के निर्माण के लिए अध्ययन करेगी।


इसके अलावा कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञों वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति पीओके विधानसभा के सदस्यों के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। चौधरी ने कहा कि इस बात पर भी सहमति बनी कि मीरपुर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी तय किया कि संपत्ति के हस्तांतरण पर कर तीन महीने में पंजाब या खैबर पख्तूनख्वा के बराबर कर दिया जाएगा। समझौते की निगरानी व कार्यान्वयन के लिए एक निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति का गठन किया जाएगा। शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन बंद जारी रहा, जिससे सार्वजनिक परिवहन ठप रहा। कुछ सड़कों पर केवल मोटरसाइकिल और कुछ निजी वाहन ही दिखाई दिए।

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Vinita Kohli

पीओके में हिंसक विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच समझौता

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