- by Vinita Kohli
- Apr, 21, 2025 11:34
फरीदकोट: एसएसपी फरीदकोट डॉ. प्रज्ञा जैन के नेतृत्व में पुलिस ने जेल प्रशासन के सहयोग से सेंट्रल मॉडर्न जेल, फरीदकोट में औचक जांच अभियान चलाया। यह जांच अभियान सुबह लगभग 100 पुलिस कर्मियों की 05 टीमें बनाकर लगभग 02 घंटे तक चलाया गया। यह तलाशी अभियान एसपी (स्थानीय) फरीदकोट मनविंदर बीर सिंह की देखरेख में चलाया गया, जिसमें अवतार सिंह, डीएसपी (डी) फरीदकोट के साथ जेल प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाकर जेल के हर हिस्से की जांच की गई, जिसमें कैदियों की बैरक, कैंटीन, बाथरूम, चारदीवारी, निगरानी कैमरे और अन्य सुरक्षा प्रणालियों की गहनता से जांच की गई।
इस संबंध में मनविंदर बीर सिंह एस. ने जानकारी देते हुए बताया कि एसएसपी फरीदकोट डॉ. प्रज्ञा जैन के दिशा-निर्देशों पर उन्होंने डीएसपी रैंक के अधिकारियों की निगरानी में पुलिस कर्मियों की अलग-अलग टीमें बनाईं और जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी जेल की चेकिंग की। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस की अलग-अलग टीमों ने जेल के हर हिस्से की गहनता से जांच की, जिसमें बैरक, कैंटीन, बाथरूम, चारदीवारी और निगरानी कैमरों की जांच शामिल थी। उन्होंने बताया कि महिला बैरकों की विशेष संवेदनशीलता और सुरक्षा नियमों के तहत महिला पुलिस कर्मियों द्वारा जांच की गई, इस दौरान महिला कैदियों की निजता का पूरा सम्मान किया गया।
इस संबंध में एसएसपी फरीदकोट डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि पुलिस टीमों द्वारा यह चेकिंग किसी भी अवैध वस्तु या नशे की जांच और जेल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए की गई थी। इस अभियान को गुप्त रखा गया ताकि कोई भी शरारती तत्व इस जानकारी से बच न सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की औचक जांच से जेल में बंद बदमाश कैदियों में डर पैदा होता है और आने वाले समय में ऐसी जांच नियमित रूप से जारी रहेंगी। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी और अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों को जेल के आसपास रहने वाले निवासियों का रिकॉर्ड रखने के आदेश दिए गए हैं ताकि वे कैदियों या उनके साथियों के साथ मिलकर जेल के अंदर नशीले पदार्थ या अन्य अवैध चीजें फेंकने में शामिल न हों। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में भी इस तरह की जाँच जारी रहेगी। इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय निवासियों से अपील की कि अगर वे अपना घर किसी को किराए पर देते हैं, तो पुलिस को सूचित करें क्योंकि कुछ आपराधिक तत्व ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।