- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
चंडीगढ़ : हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो राज्य के प्रमुख शहरों में नशा के हॉटस्पॉट पर अभियान चलाएगा। बुधवार को पंचकूला स्थित मुख्यालय में एनसीबी प्रमुख ओपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में नशे पर प्रहार करने को लेकर रणनीति तैयार की गई। बैठक में गुरुग्राम व एनसीआर क्षेत्र में बढ़ती सिन्थेटिक व फार्मास्यूटिकल ड्रग्स की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की गई। एनसीबी ने इन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता अभियान चलाने और सूचना तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को लक्ष्य बनाकर फैल रही इन दवाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करना समय की मांग है। एनसीबी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि अब कार्रवाई का केंद्र बिंदु नशा तस्करों की अवैध कमाई को समाप्त करना होगा। आदतन नशा तस्करों को हिरासत में लेकर उनकी अवैध संपत्तियों को पहले अटैच किया जाएगा, फिर जब्त कर उन्हें सार्वजनिक रूप से ध्वस्त करना अभियान की प्राथमिकता होगी। बैठक में एचएसएनसीबी पुलिस अधीक्षक पंखुड़ी कुमार, मोहित हांडा, जिला न्यायवादी सहित डीएसपी तथा प्रदेश भर के यूनिट इंचार्ज भी उपस्थित थे।
स्कूल-कॉलेजों में अभियान व पुनर्वास को दी जाएगी प्राथमिकता
एनसीबी प्रमुख ने कहा कि नशे से जुड़ी सामाजिक जड़ों पर प्रहार करने के लिए अब स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार,ड्रग्स के दुष्प्रभावों पर संवाद, और नुक्कड़ नाटक जैसे अभियानों की योजना बनाई जा रही है। साथ ही नशा पीडि़तों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना और ‘रिहैबिलिटेशन इज अ राइट’ जैसे भावनात्मक संदेशों के माध्यम से समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया जाएगा।
छह महीने में दर्ज हुए 138 मुकदमे, 247 गिरफ्तारियां
बैठक में जनवरी से जून 2025 तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें बताया गया कि एनसीबी हरियाणा ने इस अवधि में कुल 138 मुकदमे दर्ज किए और 247 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें 40 मामले वाणिज्यिक मात्रा से संबंधित थे, जबकि शेष मध्यम और कम मात्रा के मामलों में थे। सिंह ने इन आंकड़ों को और बेहतर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष रूप से वाणिज्यिक ड्रग्स से संबंधित मामलों पर अधिक फोकस किया जाए और अदालतों में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई करवाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं जाएं।
साइबर, आर्थिक और डिजिटल जांच होंगे नए हथियार
इस लड़ाई में तकनीक को भी मुख्य भूमिका में लाने का निर्णय लिया गया है। एनसीबी प्रमुख ने कहा कि अब ड्रग डीलिंग के डिजिटल नेटवर्क, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, सोशल मीडिया कनेक्शन और अन्य साइबर लिंक को भी खंगाला जाएगा। पुलिस इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बहुआयामी जांच के जरिए अपराधियों के हर पहलू- ‘आर्थिक, साइबर और नेटवर्किंग‘ पर नज़र रखें और डिजिटल फोरेंसिक को अपनी जांच में एकीकृत करें।