- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 06:50
करनाल: किसानों को खेती किसानी के लिए नवीनतम तकनीक, गुणवत्तायुक्त पौध-बीज के साथ विज्ञान स्तरीय जानकारी हासिल हो, इसके लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल हर स्तर पर काम कर रहा है। ये बाते उद्यान विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने पिंजौर स्थित यादविंद्र गार्डन में आयोजित 32 वें आम मेले में प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को बागवानी सम्बधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाने वाले वैज्ञानिकों से कही। माननीय कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि उद्यान विश्वविद्यालय प्रदेश की अलग-अलग जलवायु के हिसाब से शोध कार्य आगे बढ़ा रहा है ताकि किसानों को उनके क्षेत्रवार बागवानी फसलों के बारे में विशेष जानकारी उपलब्ध करवाई जा सकें। उनके क्षेत्र में कौन सी फसल अधिक फायदेमंद साबित होंगी, इसके अलावा उनके क्षेत्रों के हिसाब से शोध किए जा रहे है।
इसके अलावा एमएचयू द्वारा किसान भाईयों को विश्व स्तरीय जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए हर प्लेटफार्म का उपयोग कर रहा है, जैसे प्रदेश के हर क्षेत्र में लगने वाले कृषि मेला, किसानों के बीच जाना, प्रदर्शनी प्लाट लगाकर किसानों को जानकारी उपलब्ध करवाना, सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देना आदि शामिल है। इसी दिशा में माननीय कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि एमएचयू करनाल के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा एक प्रदर्शनी स्टॉल 4 से 6 जुलाई तक लगाई गई। प्रदर्शनी स्टॉल पर आने वाले किसानों को विशेष तौर पर मशरूम की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाई गई साथ ही बताया कि एमएचयू के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल सोनीपत में किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण लगातार दिया जा रहा है, प्रदेश या देश के हर हिस्से किसान, महिलाएं, युवा, स्टूडेंट आकर मशरूम की खेती से सम्बधित प्रशिक्षण हासिल कर सकता है।
सेब की किस्मों के बारे में किसानों को दी जानकारी: प्रो. सुरेश
उन्होंने बताया कि सेब की अन्ना एवं डोरसैट उन्नत किस्मों के फलों को भी एम.एच.यू करनाल की स्टॉल पर प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी के माध्यम से आम मेले में आगंतुकों को आम की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और मूल्य संवर्धन के माध्यम से शेल्फ लाइफ बढ़ाने के प्रति जागरूक किया गया। इस प्रदर्शनी स्टाल में सुखे फूलों से तैयार किये गए उत्पाद हर्बल गुलाल व फोटोफ्रेम भी प्रदर्शित किये गए। इस तरह तैयार किये गए हर्बल गुलाल व फोटो फ्रेम से बेरोजगार युवतियाँ अपने लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं तथा इनकी बिक्री करके पारिवारिक आय बढा सकते हैं। इसके इलावा प्रदर्शनी में विश्व विद्यालय द्वारा तैयार की गयी हरियाणा बागवानी पत्रिका के साथ साथ अन्य तकनीकी प्रकाशन आगन्तुकों को मुहिया कराये गए।
विस्तार शिक्षा निदेशक ने माननीय कुलपति को दी प्रदर्शनी स्टॉल की सफलता की जानकारी
इस प्रदर्शनी में विश्व विद्यालय द्वारा तैयार शहद के सैंपल भी रखे गए तथा शहद से होने वाले फायदे के बारे में वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया। इस प्रदर्शनी का अवलोकन माननीय मंत्री श्याम सिंह राणा, कृषि एवं किसान कल्याण, अरविंद शर्मा, पर्यटन मंत्री, हरियाणा सरकार ने भी किया। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी स्टॉल के संचालन में विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ विजयपाल यादव के साथ साथ विश्वविद्यालय के दूसरे वैज्ञानिकों डॉ बिजेन्द्र सिंह , डॉ हरजोत सिंह, डॉ उमा प्रजापति ने भी अपनी भूमिका निभायी। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ विजय पाल यादव ने माननीय कुलपति को प्रदर्शनी स्टॉल पर आने वाले किसानों के फीडबैक के बारे में जानकारी से अवगत कराया।