Sunday, Oct 26, 2025

Breaking: राजस्थान हाईकोर्ट ने की 2021 की एसआई भर्ती रद्द, पेपर लीक के मद्देनजर कोर्ट का फैसला, पेपरलीक में RPSC के पांच मेंबर की भूमिका


140 views

जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने पेपर लीक के मद्देनजर विवादास्पद ‘पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021’ रद्द कर दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को एक विस्तृत फैसला सुनाते हुए 2021 की यह भर्ती परीक्षा रद्द कर दी। अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आर.पी. सिंह ने कहा, भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी स्पष्ट रूप से द‍िख रही थी। आश्चर्य है कि राज्य सरकार ने इस विषय पर न तो कोई कार्रवाई की, न ही कोई निर्णय लिया। उम्मीद है कि अदालत का यह फैसला युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले गिरोहों के लिए एक सबक के रूप में काम करेगा। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस परीक्षा को रद्द नहीं करने का रुख अदालत के समक्ष अपनाया था, जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान यह उसके लिए बड़ा राजनीत‍िक मुद्दा था। इसके साथ ही एकल पीठ ने भर्ती परीक्षा घोटाले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्यों के आचरण, उनकी संलिप्तता और इसे आरपीएससी के कामकाज के खिलाफ जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने सहित सभी बिंदुओं को खंडपीठ को भेज दिया है।


आरपीएससी ने 2021 में पुलिस उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर के 859 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के आरोप सामने आए, जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) को सौंप दी। पेपर लीक में शामिल अन्य लोगों के अलावा 50 से ज्यादा प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल की एक उप-समिति ने उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट में एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द न करने की सिफारिश की थी। वहीं कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, यह संघर्ष की जीत है, यह सच की जीत है। अदालत के फैसले से मैं खुश हूं। उन्होंने कहा, मेरी नजर में 50 प्रतिशत से ज्यादा फर्जी थानेदार चुने गए। ऐसे लोग अगर सेवा में आते तो कानून व्यवस्था की क्या स्थिति होती यह आप अंदाजा लगा सकते हैं। राजस्थान के संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल से जब अदालत के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है। मैं विधानसभा में था। 


फैसले का अध्ययन करेंगे। जो भी न्यायालय का निर्णय है, वह शिरोधार्य है। जो भी उचित होगा कार्रवाई करेंगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 'एक्स' पर लिखा, उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने का उच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। कांग्रेस पार्टी हमेशा युवाओं के हित में कार्य करती रही है। देश में पेपर लीक के खिलाफ उम्रकैद तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपये जुर्माना, दोषियों की संपत्ति कुर्क करने जैसे कठोर कानून सबसे पहले राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार ने ही बनाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय ‘रीट परीक्षा लेवल-टू’ में अनियमितताएं सामने आईं थी, जिसे सरकार ने रद्द कर समयबद्ध तरीके से पुन: परीक्षा आयोजित करवाई तथा 50,000 युवाओं को नौकरी दी थी। जूली ने कहा, भाजपा उपनिरीक्षक परीक्षा को लेकर जनता में तो अलग बातें करती है, परन्तु अदालत में इस परीक्षा को रद्द न करने के लिए प्रयास करती रही। इससे भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र भी सामने आ गया है।

author

Vinita Kohli

Breaking: राजस्थान हाईकोर्ट ने की 2021 की एसआई भर्ती रद्द, पेपर लीक के मद्देनजर कोर्ट का फैसला, पेपरलीक में RPSC के पांच मेंबर की भूमिका

Please Login to comment in the post!

you may also like