- by Vinita Kohli
- Mar, 01, 2025 06:52
शिमला: संजौली में विवादित मस्जिद का विवाद थम नहीं रहा। शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर हिंदू संगठनों पदाधिकारियों ने संजौली में जमकर नारेबाजी की। मांगों को लेकर दोपहर 1रू00 बजे प्रशासन व समिति पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई। इसमें प्रशासन ने समिति की मांगों पर सहमति जताई। बैठक में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने के साथ विवादित ढांचे की बिजली काटने पर सहमति बनी। अब प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले को लेकर एक संयुक्त कमेटी बनाई जाएगी। मामले में अगली बैठक 29 नवंबर को होनी है।
हालांकि, कुछ हिंदू संगठन कार्यकर्ता आज ही बिजली-पानी कनेक्शन काटने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई। करीब 10 मिनट तक चक्का जाम भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक विवादित ढांचे की बिजली-पानी काटने के आदेश नहीं होते, तब तक धरना खत्म नहीं होगा। इसके बाद काफी देर तक जमकर नारेबाजी होती रही। इसके बाद लोग धरना स्थल से लौट गए। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की थी। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात किए गए।
तीन दिन आमरण अनशन पर बैठे रहे पदाधिकारी
उधर, मांगों को लेकर समिति के पदाधिकारी पिछले तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे रहे। प्रशासन के आश्वासन के बाद समिति ने शुक्रवार दोपहर आमरण अनशन खत्म कर दिया। लेकिन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। समिति की मांग है कि नगर निगम कोर्ट और जिला अदालत की ओर से अवैध घोषित किए जा चुके विवादित ढांचे का बिजली-पानी का कनेक्शन काटा जाए और यहां पर नमाज सहित अन्य सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा पिछले हफ्ते मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाने वाले लोगों का रास्ता रोकने के मामले में दर्ज की गई एफआईआर को भी समिति ने वापस लेने की मांग की।
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक ने ये कहा
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि सरकार शांतिपूर्वक प्रदर्शन के बावजूद उनकी मांगों को अनसुना कर रही थी। इसको देखते हुए समिति के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिंदू संगठनों के लोगों ने आंदोलन का फैसला लिया। समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि प्रशासन ने मांगों को पूरा करने के लिए सैद्धांतिक सहमति जताई है। जब तक मांगों पर कार्रवाई नहीं होता तब तक क्रमिक अनशन जारी रहेगा। वहीं संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि जिला अदालत के फैसले के खिलाफ वह प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायरे कर रहे हैं। इसको लेकर औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।