- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडीकेट के पुनर्गठन को लेकर चंडीगढ़ और पंजाब में उठे राजनीतिक तूफान के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को अपना रुख नरम करते हुए इन बदलावों के तत्काल लागू होने पर रोक लगा दी है। संशोधित आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट, 1947 (ईस्ट पंजाब एक्ट 7 ऑफ 1947) में किए गए संशोधन केंद्र सरकार द्वारा तय की जाने वाली भविष्य की तारीख से ही लागू होंगे। हालाकि इस अधिसूचना से कुछ देर पहले एक और अधिसूचना जारी हुई थी जिसमें केंद्र ने सीनेट और सिंडीकेट को भंग करने संबंधी नोटिफिकेशन को रद्द करने की बात कही थी। केंद्र सरकार ने सबसे पहले अधिसूचना संख्या 4867(ई) को निरस्त कर दिया और तुरंत एक नई अधिसूचना 4868 (ई) जारी कर दी। इस नई अधिसूचना में केवल इतना बदलाव किया गया है कि नए सीनेट ढांचे का कार्यान्वयन, जो पहले तुरंत प्रभावी होना था, अब केंद्र के अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
वहीं, स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि पीयू के संबंध में भारत सरकार ने अपनी हालिया अधिसूचनाओं से सबको गुमराह करने की कोशिश की है। वास्तव में, कोई अधिसूचना रद्द नहीं की गई है, बल्कि उसे वापस लेने का भ्रम पैदा किया गया है। यूनियन ने कहा कि इसका मतलब है कि नई सीनेट संरचना बरकरार है, सिर्फ इसके लागू होने की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया है, उसने सिर्फ लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश की है। पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा इस धोखे को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और पुष्टि करता है कि 10 नवंबर को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान पूरी तरह से बरकरार है। कुलपति कार्यालय के बाहर संघर्ष अधिक शक्ति, एकता और दृढ़ संकल्प के साथ जारी रहेगा। उधर, आम आदमी पार्टी ने केंद्र के नोटिफिकेशन वापस लेने के फैसले पर निशाना साधा। सांसद हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार के फैसले का छात्रों के साथ आम जनता भी विरोध कर रही थी। उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार को जनता के आगे झुकना ही पड़ा।
इसी दौरान, सोपू पार्टी के प्रवक्ता अवतार ने भी केंद्र सरकार के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस पूरे मुद्दे को मज़ाक बना दिया है क्योंकि वास्तव में कोई भी नोटिफिकेशन रद्द नहीं किया गया है। सरकार ने केवल भ्रम पैदा करने की कोशिश की है। नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है, लेकिन उसमें सिर्फ इतना बदलाव किया गया है कि नई सीनेट संरचना, जिसे पहले तत्काल लागू किया जाना था, अब केंद्र सरकार के आगे के आदेशों तक टाल दी गई है। यानी कि नई संरचना वही बनी हुई है, सिर्फ उसकी लागू करने की तारीख आगे बढ़ाई गई है। अवतार ने स्पष्ट किया कि 10 नवंबर को होने वाला विशाल विरोध प्रदर्शन अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा अपनी लड़ाई और अधिक ताकत और संकल्प के साथ वीसी कार्यालय के बाहर जारी रखेगा।