Wednesday, Dec 31, 2025

चंडीगढ़: नगर निगम सदन में आज होगा सियासी संग्राम, 24×7 जलापूर्ति परियोजना के भविष्य पर होगा फैसला


28 views

चंडीगढ़: नगर निगम सदन की मंगलवार को होने वाली बैठक इस बार खासा हंगामेदार रहने के आसार हैं। आम आदमी पार्टी के दो पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद सियासी तापमान चरम पर है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भाजपा को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर ली है। बैठक के दौरान दलबदल के मुद्दे पर तीखी बहस होने की संभावना जताई जा रही है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा जनादेश की अनदेखी कर राजनीतिक जोड़-तोड़ में लगी हुई है, जबकि भाजपा की ओर से इसे वैचारिक सहमति का मामला बताया जा रहा है। नगर निगम सदन की मंगलवार को होने वाली साल की अंतिम बैठक में प्रशासक गुलाब चंद कटारिया विशेष रूप से वक्तव्य के लिए पहुंचेंगे। खास बात यह है कि प्रशासक कटारिया दूसरी बार निगम सदन की बैठक में आएंगे। इससे पहले नवंबर 2024 में तत्कालीन मेयर कुलदीप कुमार के बुलाने पर निगम सदन की बैठक में आए थे। इस बार वह मेयर हरप्रीत कौर बबला के आग्रह पर निगम सदन की बैठक में आ रहे हैं।


सदन की इस बैठक में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट का भविष्य तय होगा। पूरे शहर में 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना को लेकर नगर निगम ने इसके भविष्य पर निर्णय के लिए आठ विकल्प तैयार किए हैं। इन विकल्पों को नगर निगम सदन की बैठक में चर्चा और निर्णय के लिए रखा जाएगा। बैठक में परियोजना की बढ़ी हुई लागत, फंडिंग के विकल्प और आम जनता पर पड़ने वाले असर पर भी विस्तार से विचार होगा। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि सभी विकल्पों पर पार्षदों की राय और सुझावों के बाद ही यह तय किया जाएगा कि चंडीगढ़ में 24×7 जलापूर्ति किस माडल से लागू की जाएगी और इसका आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इनमें से एक विकल्प व्यापक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप है, जिसमें निजी आपरेटर नेटवर्क सुधार, स्मार्ट मीटरिंग, नॉन रेवेन्यू वाटर में कमी, लीकेज डिटेक्शन व रोज की जलापूर्ति सेवाओं की जिम्मेदारी संभालेगा, जबकि स्वामित्व व नियामक नियंत्रण नगर निगम के पास रहेगा। जबकि एक अन्य विकल्प में अंतरराष्ट्रीय तकनीकी सहयोग और अनुदान लेने का प्रस्ताव है। इसके तहत इजरायल और नीदरलैंड्स जैसे जल प्रबंधन में दक्ष देशों के अनुभव और तकनीक का लाभ लेकर ब्याज वाले कर्ज और टैरिफ बढ़ोतरी से बचने की कोशिश की जाएगी।


नगर निगम ने शहर की कामर्शियल इकाइयों से डोर-टू-डोर कचरा संग्रह व्यवस्था को नियमित और सुव्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पहली बार मार्केटों के लिए गार्बेज कलेक्टर्स के साथ एमओयू के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। शहर के मार्केटों और होटलों का रात का कूड़ा अब रात में ही उठेगा। इसके लिए निगम पहली बार 100 डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर्स के साथ एमओयू करने जा रहा है। करीब 16,000 दुकानों, होटलों, स्कूलों, कॉलेजों और इंडस्ट्रियल यूनिट्स से रोज दो शिफ्टों में कचरा उठाने की तैयारी है। हर गारबेज कलेक्टर को 200 यूनिट्स और आठ घंटे की ड्यूटी दी जाएगी। गार्बेज कलेक्टर्स को 25 हजार रुपये वेतन भी मिलेगा। हर साल 5 प्रतिशत वेतन बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। अभी दुकानदारों को खुद पैसे देकर कचरा उठवाना पड़ता है जबकि पानी के बिल में पहले से ही वह गार्बेज चार्जेस दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें दो बार पैसे देने पड़ते हैं।


 

पुराने स्लॉटर हाउस को आधुनिक बनाने पर 48.88 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव

इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में बने पुराने स्लॉटर हाउस को आधुनिक बनाने के लिए नगर निगम 48.88 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में तैयार प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नगर निगम सदन की आगामी बैठक में रखा गया है। यह स्लॉटर हाउस वर्ष 2000 में स्थापित किया गया था, जबकि यहां लगाया गया एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) वर्ष 2008 का है। लंबे समय से उपयोग में होने के कारण इसकी मशीनरी और पूरा सिस्टम अब काफी जर्जर और पुराना हो चुका है। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार स्लॉटर हाउस के सिविल और स्ट्रक्चरल कार्यों पर करीब 14.43 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि मशीनरी और मुख्य प्लांट पर लगभग 33.02 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 


कंटिजेंसी राशि जोड़ने के बाद परियोजना की कुल अनुमानित लागत 48.88 करोड़ रुपये आंकी गई है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि इस परियोजना के पूरा होने से स्लॉटर हाउस आधुनिक तकनीक से लैस होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पशु कल्याण के मानकों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। वहीं, रायपुर कलां के गौशाला के विस्तार का एजेंडा बैठक में आएगा। नए शेड बनाने के लिए करीब 14.68 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। प्रस्ताव के मुताबिक सिविल काम पर लगभग 11.14 करोड़ रुपये, पब्लिक हेल्थ से जुड़े कामों पर करीब 1.36 करोड़ रुपए और बिजली से जुड़े कामों पर लगभग 2.16 करोड़ रुपए खर्च होंगे।


 

स्पॉन्सर नहीं मिले, निगम खुद करेगा 54वें रोज़ फेस्टिवल पर 1.05 करोड़ खर्च 

नगर निगम द्वारा आयोजित किए जाने वाले 54वें रोज़ फेस्टिवल–2026 के आयोजन के लिए कुल 105.20 लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दिलाने हेतु एजेंडा सदन की बैठक में रखा गया है। स्पॉन्सरशिप के प्रयास सफल न होने और समय की कमी को देखते हुए नगर निगम ने अपने स्तर पर तैयारियां तेज कर दी हैं। निगम की ओर से प्रतिष्ठित एजेंसियों और कंपनियों से स्पॉन्सरशिप प्राप्त करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी की गई थी, लेकिन किसी भी एजेंसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। 


नगर निगम अधिकारियों के अनुसार सदन से समय पर मंजूरी मिलने की स्थिति में रोज़ फेस्टिवल–2026 की सभी तैयारियां निर्धारित समय में पूरी कर ली जाएंगी, ताकि चंडीगढ़ का यह प्रतिष्ठित और लोकप्रिय आयोजन भव्य तरीके से आयोजित किया जा सके। बजट में कलाकारों के आवागमन, ठहरने और भोजन की व्यवस्था, मंच प्रदर्शन, प्रचार-प्रसार, मुख्य मंच के संचालन के साथ-साथ कल्चरल इवनिंग के आयोजन पर होने वाला खर्च भी शामिल किया गया है।

author

Vinita Kohli

चंडीगढ़: नगर निगम सदन में आज होगा सियासी संग्राम, 24×7 जलापूर्ति परियोजना के भविष्य पर होगा फैसला

Please Login to comment in the post!

you may also like