- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
चंडीगढ़: लंबे समय से प्रतीक्षित सेक्टर-53 की हाउसिंग स्कीम नए साल में लॉन्च हो सकती है। हाउसिंग बोर्ड ने सेक्टर-53 के एक हिस्से की जमीन को दो हिस्सों में बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें एक हिस्से को निजी डेवलपर को नीलाम करने का प्रस्ताव है। प्रशासक के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। नौ दिसंबर को सीएचबी द्वारा यूटी चीफ आर्किटेक्ट को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि सेक्टर-53 में लगभग 21 एकड़ जमीन है, जिसमें से 11 एकड़ यूटी कर्मचारियों के लिए जनरल हाउसिंग स्कीम के लिए चिन्हित की गई है। उन्होंने बाकी जमीन के जोनिंग विवरण मांगे हैं, ताकि इसके लगभग आधे हिस्से को निजी डेवलपर को नीलाम करने की मंजूरी प्राप्त की जा सके। जो जमीन कर्मचारियों के लिए रिजर्व है, उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस स्कीम के तहत 3930 कर्मचारियों को फ्लैट दिए जाने थे। यूटी के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस प्रोजेक्ट की जमीन को दो हिस्सों में बांटने के निर्देश दिए थे।
प्रशासक के निर्देशानुसार, एक हिस्सा निजी डेवलपर को बेचा जाएगा, जबकि दूसरे हिस्से का विकास चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) स्वयं करेगा। इस निर्णय के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि प्रोजेक्ट को लॉन्च होने में अब और देरी हो सकती है, क्योंकि दोनों हिस्सों के लिए अलग-अलग योजनाएं, मंजूरी और प्रक्रियाएं अपनानी होंगी। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस निर्णय के चलते प्रोजेक्ट के लॉन्च में और देरी हो गई है। यह हाउसिंग स्कीम दीवाली से पहले लॉन्च करने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह नए साल में ही लॉन्च होगी। सीएचबी मार्च 2025 में किए गए डिमांड सर्वे में इस प्रोजेक्ट के प्रति अभूतपूर्व रुचि देखी गई थी। सर्वे के दौरान केवल 372 फ्लैट्स के लिए 7,468 आवेदन प्राप्त हुए थे। ये फ्लैट हालांकि, अप्रैल 2025 में कलेक्टर रेट्स में 35 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी ने प्रोजेक्ट की लागत को काफी बढ़ा दी है। कटारिया ने चीफ आर्किटेक्ट को यह निर्देश भी दिए हैं कि सीएचबी वाले हिस्से में फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) बढ़ाने, बिल्डिंग की हाइट में वृद्धि करने और आवासीय घनत्व बढ़ाने की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए, ताकि यह योजना सभी वर्गों, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य और लाभकारी बन सके। प्रशासन के पास इन सेक्टर-53 व सेक्टर-54 में 50 एकड़ से अधिक जमीन खाली पड़ी है।
पिछले करीब एक दशक से सीएचबी ने कोई नई हाउसिंग स्कीम लॉन्च नहीं होने से शहर के लोग अब मोहाली और पंचकूला की प्रॉपर्टी की ओर रुख करने लगे हैं। हाल ही में एक बैठक में चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी व सीएचबी के चेयरमैन एच. राजेश प्रसाद ने बताया था कि नई हाउसिंग स्कीम नए साल में लॉन्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में दो प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। पहले प्रस्ताव में हाउसिंग बोर्ड अपनी जमीन को सीधे ऑक्शन के जरिए किसी बिल्डर को दे ताकि यह आंका जा सके कि कितने फ्लैट बनाए जा सकते हैं और प्रशासन को कितना राजस्व मिलेगा। दूसरे प्रस्ताव में अगर सीएचबी खुद निर्माण कर फ्लैट तैयार करे और फिर उन्हें ऑक्शन के जरिए बेचे तो उसका संभावित रिस्पॉन्स क्या रहेगा। दोनों प्रस्तावों पर रिपोर्ट तैयार होने के बाद वह अधिकारियों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लेंगे। प्रशासन ने अब दावा किया है कि इस स्कीम को नए साल में लांच किया जाएगा। इससे पहले प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने अधिकारियों को दीवाली से पहले स्कीम लांच करने के निर्देश दिए थे।
इसके साथ ही, प्रशासक कटारिया ने सेक्टर-54 की जमीन को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं। यह वही जमीन है जिसे इस वर्ष की शुरुआत में प्रशासन ने अवैध फर्नीचर मार्केट और आदर्श कॉलोनी हटाकर दोबारा अपने कब्जे में लिया था। उन्होंने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को निर्देश दिया कि इस भूमि पर यूटी के कर्मचारियों के लिए सरकारी किराये के आवास बनाने की संभाव्यता का अध्ययन किया जाए। कटारिया ने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव के तहत वित्तीय मॉडल इस प्रकार तैयार किया जाए कि योजना आत्मनिर्भर हो। इसके लिए यह व्यवस्था की जा सकती है कि किराए के रूप में दिए जाने वाले आवासों का किराया, प्रशासन द्वारा सीएचबी को कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) के बराबर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसी योजनाएँ न केवल सरकारी कर्मचारियों की आवासीय जरूरतें पूरी करेंगी, बल्कि सीएचबी को स्थायी राजस्व स्रोत भी उपलब्ध कराएँगी।