- by Vinita Kohli
- Nov, 06, 2025 10:00
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के गैंगस्टर विकास गुलिया और एक अन्य आरोपी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (एमसीओसीए) के तहत संगठित अपराध गिरोह संचालित करने का दोषी ठहराया है। अदालत ने हालांकि संगठित अपराध गिरोह के सदस्य की ओर से बेहिसाबी संपत्ति रखने के आरोप में दोनों को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना जैन विकास गुलिया और उसके सहयोगी धीरपाल उर्फ काना के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिनके खिलाफ नजफगढ़ पुलिस थाने ने एमसीओसीए की धारा 3 (संगठित अपराध के लिए सजा) और 4 (संगठित अपराध गिरोह के सदस्य की ओर से बेहिसाबी संपत्ति रखने के लिए सजा) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
इस मामले में प्राथमिकी 2015 में दर्ज की गई थी। अदालत ने 10 दिसंबर को जारी एक आदेश में दोनों को दोषी ठहराते हुए कहा, "यह निष्कर्ष निकाला गया है कि आरोपी विकास गुलिया उर्फ विकास लगरपुरिया और आरोपी धीरपाल उर्फ काना संगठित अपराध में शामिल थे और उन्हें एमसीओसीए की धारा 3 के तहत अपराध करने का दोषी पाया गया है।’’ अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह भी साबित कर दिया है कि दोनों आरोपियों ने कई अपराध करने के लिए हिंसा, धमकी और जोर-जबरदस्ती का सहारा लिया था।