- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 10:26
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास ओक ओवर से छह अत्याधुनिक सचल फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रथम चरण में इन वाहनों को बद्दी, नूरपुर और बिलासपुर में तीन जिला फोरेंसिक इकाइयों के अलावा जुन्गा में राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला और धर्मशाला तथा मंडी में क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर "फोरेंसिक साक्ष्य संकलन, संरक्षण और भंडारण" की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पुस्तिका भी जारी की, जो जांच अधिकारियों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक समान दिशा-निर्देश हैं।
उन्होंने इसके साथ ही अपराध स्थलों का दौरा करने वाले फोरेंसिक विशेषज्ञों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गईं जैकेट भी पेश की। उन्होंने कहा कि उन्नत वाहन वैज्ञानिक और त्वरित साक्ष्य संकलन को सक्षम बनाएंगे, जिससे अपराध स्थल पर संरक्षण और सुरक्षित संग्रहण सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से फोरेंसिक जांच को मजबूत करने से दोषसिद्धि दर में वृद्धि होगी और न्याय वितरण प्रणाली में सुधार होगा। पैंसठ लाख रुपये की लागत वाली प्रत्येक वैन अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरणों से सुसज्जित है, जिसमें मादक पदार्थ एवं विस्फोटक पहचान प्रणाली, फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट डेवलपमेंट किट, डीएनए सैंपलिंग किट, आगजनी पहचान किट, प्रशीतन इकाइयां, पोर्टेबल जनरेटर, साइबर फोरेंसिक सॉफ्टवेयर, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वीडियो प्रलेखन प्रणाली, माइक्रोस्कोप, जीपीएस-सक्षम बॉडी-वॉर्न कैमरे, डीएसएलआर कैमरे, सीसीटीवी कैमरे और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि ये एकीकृत किट जांचकर्ताओं को व्यापक स्तर पर साक्ष्य सामग्री जैसे कि फिंगरप्रिंट, जैविक तरल पदार्थ, बाल, फाइबर, गोली और विस्फोटक अवशेष, काटने के निशान, संदिग्ध दस्तावेज, टायर के निशान, जूते के निशान, मादक पदार्थ और अन्य साक्ष्य की जांच करने में सहायक होंगे। इसमें कहा गया है कि सचल इकाइयों को तत्काल और मिलावट-मुक्त संग्रहण करने, महत्वपूर्ण फोरेंसिक सामग्री के क्षरण या हानि को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "इस पहल से साक्ष्य संग्रहण में अधिक पारदर्शिता आएगी और आपराधिक दोष सिद्धि की प्रक्रिया में तेजी आएगी।"