- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 09:17
चंडीगढ़: पंजाब में आज यानी शुक्रवार को रोडवेज मुलाजिम हड़ताल पर हैं इस हड़ताल ने पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। शुक्रवार से शुरू हुई इस हड़ताल ने कई जिलों में हालात बिगाड़ दिए हैं। संगरूर में प्रदर्शन के दौरान एक कर्मचारी ने अत्यंत तनाव में आकर खुद को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे रोक लिया। इस कोशिश में एक पुलिसकर्मी भी हल्का झुलस गया, जिससे माहौल और अधिक गंभीर हो गया। लुधियाना में विरोध जताते हुए रोडवेज का एक कर्मचारी बस स्टैंड के भीतर बनी ऊँची पानी की टंकी पर चढ़ गया। प्रशासन ने उसे समझाकर नीचे उतरने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारी सरकार की नीतियों से निराश होकर नीचे आने को तैयार नहीं हुआ। उसका कहना था कि जिस स्थिति का सामना वे कर रहे हैं, उसमें सरकार से लड़ते-लड़ते मरने से बेहतर है कि वह इसी तरह विरोध करते हुए अपनी बात मनवाए। वह लगातार नारे लगाकर सरकार के फैसलों पर अपना विरोध दर्ज करा रहा था।
इसी तरह मानसा जिले के बुढलाडा में भी रोडवेज विभाग के तीन कर्मचारी पेट्रोल की बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। उनका कहना था कि यदि सरकार ने किलोमीटर स्कीम के तहत बसों के टेंडर को वापस नहीं लिया, तो वे कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे। इन घटनाओं ने प्रशासन को पूरी तरह अलर्ट कर दिया और पुलिस बड़ी संख्या में तैनात कर दी गई। पटियाला में हालात तब और बिगड़ गए जब पुलिस और कर्मचारियों के बीच झड़प हो गई। तनाव इतना बढ़ा कि पुलिस को कई कर्मचारियों को हिरासत में लेना पड़ा। वहीं जालंधर में कर्मचारियों ने बस स्टैंड को बंद कर दिया, जिसके चलते न केवल सरकारी बल्कि निजी बसों की आवाजाही भी रोक दी गई। इसके कारण यात्री भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। महिलाओं को, जिन्हें सामान्यत: सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है, मजबूरन निजी बसों में सफर करना पड़ा।
कर्मचारी यूनियन के नेता नछत्तर सिंह और विक्रमजीत सिंह का कहना है कि उनकी मुख्य मांग किलोमीटर स्कीम वाली बसों के टेंडर को रद्द करना है। वे पिछले दो महीनों में तीन बार धरना दे चुके हैं, लेकिन हर बार सरकार केवल टेंडर की तारीख आगे बढ़ा देती है, रद्द नहीं करती। इस बार कर्मचारियों का रुख पहले से अधिक कड़ा है और उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। सरकार की ओर से चक्काजाम की चेतावनी देने के बाद कई यूनियन नेताओं की धरपकड़ भी की गई है, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया है।
यूनियन नेता सुखदेव सिंह के अनुसार, तड़के 3-4 बजे कई कर्मचारी नेताओं को उनके घरों से गिरफ्तार किया गया। वे बताते हैं कि कुछ घरों में बच्चों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस ने तलाशी ली, जिसे कर्मचारी अनुचित और दमनकारी कदम मान रहे हैं। इस कार्रवाई के विरोध में यूनियन की सेंट्रल बॉडी ने पूरे पंजाब में सभी बस स्टैंड बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बस स्टैंड के अंदर जो बसें खड़ी हैं, वे वहीं रहेंगी और बाहर जो बसें हैं, वे बाहर ही रहेंगी। यूनियन का कहना है कि लड़ाई अब केवल टेंडर के मुद्दे तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यह आंदोलन सम्मान और अधिकारों की लड़ाई बन चुका है। उन्होंने साफ कहा है कि जब तक गिरफ्तार सभी नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, हड़ताल जारी रहेगी और आगे की रणनीति सेंट्रल बॉडी के अनुसार तय की जाएगी।