- by Vinita Kohli
- Nov, 06, 2025 06:31
प्रताप नगर: सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद हथिनीकुंड बैराज से भारी वाहनों की आवाजाही एक बार फिर शुरू हो गई है। बैराज पर लगाए गए ऊंचे लोहे के एंगल हटाए जाने के बाद खनन सामग्री से भरे वाहन निर्बाध रूप से गुजरने लगे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए ये एंगल जब-तब हटाए और लगाए जाते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि विभागीय अधिकारी तत्कालीन सरकार के आदेशों की अनदेखी करते हुए मनमर्जी से काम कर रहे हैं। वहीं मौके पर तैनात अधिकारियों का कहना है कि वह सिर्फ “उच्च अधिकारियों के आदेशों” का पालन कर रहे हैं, लेकिन खुद उच्च अधिकारी इस पर जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं।
करीब तीन वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैराज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सिंचाई विभाग ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश दोनों ओर लगभग दस फीट ऊंचाई तक लोहे के एंगल लगाकर भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया था। लेकिन जैसे ही बैराज की डाउनस्ट्रीम में डाया फ्रॉम वॉल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, विभाग ने ठेकेदार को सुविधा देने के नाम पर एंगल हटाने शुरू कर दिए। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं बल्कि कई बार हो चुका है—जब चाहा एंगल लगाए, जब चाहा उतार दिए, जबकि सुरक्षा से समझौते का खतरा लगातार बढ़ता रहा। लगभग आठ महीने पहले भी एंगल हटाए जाने पर आसपास के गांवों के लोगों ने विरोध जताया था। उनका कहना था कि बैराज की डाउनस्ट्रीम से निकलने वाली खनन सामग्री भारी वाहनों में भरकर उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है। इससे न केवल बैराज की संरचना पर दबाव बढ़ता है बल्कि खनन सामग्री की अवैध निकासी पर भी संदेह खड़ा होता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार खुदाई के दौरान निकली सामग्री को ठेकेदार द्वारा राजस्व देकर सरकारी प्रक्रिया के तहत खरीदा गया बताया जाता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस सामग्री की सप्लाई कहां और कैसे की जाएगी।
हथिनीकुंड के सरपंच अकरम ने बताया कि पहले भी उन्होंने सुरक्षा को देखते हुए ऐसे वाहनों को रोका था और पुलिस व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया था, जिसके बाद कुछ समय के लिए यह काम रुक गया था। लेकिन अब एक बार फिर भारी वाहन खनन सामग्री लेकर बैराज से गुजर रहे हैं, जिससे सुरक्षा पर नया खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत भेजेंगे ताकि स्थायी समाधान निकल सके। वहीं सिंचाई विभाग के एसडीओ नवीन रंगा का कहना है कि एंगल केवल उच्च अधिकारियों के आदेश पर ही हटाए गए हैं। दूसरी ओर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब बैराज जैसी संवेदनशील संरचना की सुरक्षा का मामला है तो फिर इस तरह के अस्थायी निर्णय क्यों लिए जाते हैं। फिलहाल बैराज पर रात के समय भी खनन सामग्री से भरे डंपर गुजरते देखे जा रहे हैं, जिससे विवाद और तेज हो गया है।