- by Tanya Chand
- Jan, 02, 2025 07:37
ट्रैवल, जगमार्ग न्यूज़ डेस्क: भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस आने वाला है, यह दिवस कश्मीर से कन्याकुमारी तक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय छुट्टी होती है और बच्चे बाहर घूमने की मांग करते हैं। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि बच्चों को कहां घुमाया जाए। तो बता दें कि भारत की कुछ जगहें ऐसी है, जो इस दिन काफी सुंदर सजी रहती है और देशभक्ति का प्रतीक भी है। अगर आप भी इस गणतंत्र दिवस कहीं घूमने का सोच रहें है और समझ नहीं आ रहा है कि कहां जाना ठीक रहेगा। तो आज हम आपको भारत की पांच ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जो गणतंत्र दिवस के दिन विजिट करने के लिए खास सजाई जाती है। आइए फिर आपको सभी जगहों के बारे में बताते हैं।
गणतंत्र दिवस पर घूमने के लिए बेस्ट जगहें
लाल किला- भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला ऐतिहासिक इमारत है जहां से हर साल भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराते हैं। यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का प्रमुख केंद्र है। लाल किले के पास कई संग्रहालय हैं, जहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की झलक देखी जा सकती है।
इंडिया गेट- राजधानी दिल्ली का इंडिया गेट देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। राष्ट्रीय पर्व के मौके पर यहां का नजारा देशभक्ति के जज्बे से भरपूर देखने को मिलता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां से परेड गुजरती है, जिसे देखने के लिए आप 26 जनवरी को इंडिया गेट जा सकते हैं।
जलियांवाला बाग- गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति के प्रतीक के तौर पर आप जलियांवाला बाग को देखने जा सकते हैं। अमृतसर में स्थिति यह स्थान 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड का गवाह है। यहां देशभक्ति और बलिदान की भावना महसूस की जा सकती है। जलियांवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास में है, जो आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।
चंद्रशेखर आजाद पार्क- संगम नगरी प्रयागराज देशभक्त और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद से जुड़ा हुआ है। ये स्थान महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की शहादत का साक्षी है। यहां की हरियाली और शांत वातावरण आपको उनकी देशभक्ति की भावना से जोड़ता है।
साबरमती आश्रम- गुजरात के अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम महात्मा गांधी का निवास स्थान था और स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र भी है। यहां गांधी जी के जीवन और उनके संदेशों को नजदीक से समझा जा सकता है। दांडी मार्च की शुरुआत यहीं से हुई थी।