- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
चंडीगढ़: शहर में फायर सेफ्टी के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। फिलहाल चंडीगढ़ में दिल्ली फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट-1986 लागू है, जिसमें केवल 15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। दिल्ली सरकार ने इस पुराने कानून को हटाया हुआ है। अब चंडीगढ़ में हरियाणा फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज एक्ट-2022 (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट 2025 को लागू करने की योजना है। यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया है। नए नियमों के अनुसार, अनिवार्य फायर सेफ्टी क्लीयरेंस की सीमा 15 मीटर से घटाकर 9 मीटर कर दी गई है। यानी अब कम ऊंचाई वाली बिल्डिंग्स भी फायर सेफ्टी नियमों के दायरे में आएंगी। उच्च इमारतों के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट या नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना अनिवार्य होगा।
शहर में फायर सेफ्टी नियमों के तहत अब केवल हाई-राइज इमारतें ही नहीं, बल्कि होटल, बिजनेस सेंटर, इंडस्ट्रियल यूनिट्स, स्टोरेज फैसिलिटीज़ और 200 वर्ग मीटर से अधिक फ्लोर एरिया वाली मिक्स्ड ऑक्यूपेंसी बिल्डिंग्स को भी एनओसी लेना अनिवार्य होगा। इसी तरह, 9 मीटर से ऊंची एकेडमिक और इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग्स, किसी भी फ्लोर पर 300 वर्ग मीटर से अधिक एरिया वाली बिल्डिंग्स, दो या अधिक बेसमेंट वाली बिल्डिंग्स और 100 वर्ग मीटर से बड़े एक बेसमेंट वाली इमारतों को भी फायर क्लीयरेंस लेनी होगी, जब तक किसी विशेष श्रेणी में उन्हें छूट न दी गई हो। हालांकि, 16.5 मीटर तक की रेजिडेंशियल इमारतों को इस नए नियम के तहत छूट दी जाएगी।
पहली बार चीफ फायर ऑफिसर को यह अधिकार भी दिया जाएगा कि वे ऐसे सामान जब्त कर सकें जो आग का खतरा पैदा करती हों या फायर फाइटिंग में रुकावट बनती हों। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान जोड़ा गया है। कानून का उल्लंघन करने पर तीन महीने तक की कैद, 50 हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा के तौर पर हो सकते हैं। चंडीगढ़ में फिलहाल करीब 420 हाई-राइज इमारतें 15 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई की हैं, जिनमें से पीजीआई, पीयू, यूटी सचिवालय, पुलिस मुख्यालय जैसी इमारतें शामिल हैं।
चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण पहले दिल्ली अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम-1986 का पालन करता था। 2007 में दिल्ली ने इसे संशोधित करके दिल्ली अग्निशमन सेवा अधिनियम-2007 लागू किया। वर्तमान में चंडीगढ़ इसी कानून का पालन कर रहा है। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने मॉडल बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस-2019 जारी किया और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपने फायर एक्ट बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। जिन राज्यों में विधानसभाएं हैं, उन्होंने अपने एक्ट बना लिए, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण चंडीगढ़ ऐसा नहीं कर पाया। 2023 में चंडीगढ़ ने नए एक्ट पर काम शुरू किया। सभी स्टेकहोल्डर्स के सुझाव लेने के बाद हरियाणा फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज एक्ट-2022 (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट-2025 तैयार किया गया है। नए एक्ट के लागू होने से शहर की इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अब 9 मीटर से ऊंची सभी इमारतों को फायर सेफ्टी नियमों के तहत लाया जाएगा, जिससे आग और आपात स्थितियों में बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।