- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 04:35
चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) की गवर्निंग बॉडी की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में प्रस्तावित है, जिसमें संस्थान के शैक्षणिक, शोध, प्रशासनिक और कैडर ढांचे में बड़े बदलावों पर निर्णय लिए जाने की संभावना है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक को पीजीआई के भविष्य की दिशा तय करने वाला अहम पड़ाव माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बैठक में एम्स मॉडल को आधार बनाकर पीजीआई की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी, तकनीक आधारित व प्रभावी बनाने पर विस्तार से चर्चा होगी। मेडिकल एजुकेशन सिस्टम में पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रक्रिया, रिसर्च अप्रूवल और अकादमिक मूल्यांकन को आधुनिक बनाने के प्रस्ताव एजेंडे में शामिल हैं। फैकल्टी और रेजिडेंट्स के लिए ट्रेनिंग, प्रमोशन और परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम में भी बदलाव पर मंथन किया जाएगा।
प्रशासनिक मोर्चे पर ई-ऑफिस व्यवस्था, फाइल मूवमेंट, निर्णय प्रक्रिया और समयबद्ध कार्य निष्पादन को मजबूत करने के लिए स्थापित प्रोटोकॉल लागू करने पर विचार होगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे प्रशासनिक कार्यकुशलता के साथ-साथ मरीजों से जुड़े फैसलों में भी तेजी आएगी। हालांकि, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का तर्क है कि पीजीआई कई क्षेत्रों में पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, ऐसे में किसी मॉडल को पूरी तरह अपनाने से पहले संस्थान की विशिष्टताओं को ध्यान में रखना जरूरी होगा। बैठक का एक बड़ा और संवेदनशील मुद्दा कैडर रिव्यू भी रहेगा। खासकर लैब, एक्स-रे और रेडियोथैरेपी से जुड़े टेक्निकल कैडर के पुनर्गठन पर निर्णायक फैसला लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि पीजीआई में नॉन-फैकल्टी कैडर रिव्यू पिछले तीन दशकों से लंबित है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के निर्देशों और वित्त मंत्रालय की आपत्तियों के बीच फंसे इस मामले में आगे की रणनीति तय होने की उम्मीद है।
हाईटेक मेडिकल उपकरणों की खरीद और नए कोर्स पर लग सकती है मुहर
इसके साथ ही फाजिल्का, ऊना और संगरूर स्थित सैटेलाइट सेंटर्स के लिए अलग कैडर मानते हुए फैकल्टी और नॉन-फैकल्टी पद सृजन पर भी चर्चा होगी। उच्च तकनीक चिकित्सा सुविधाओं के तहत 3 टेस्ला एमआरआई और बाइप्लेन डीएसए सिस्टम की खरीद, नए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत तथा प्रोफेसरों को उच्च प्रशासनिक ग्रेड देने जैसे प्रस्तावों पर भी अंतिम मुहर लग सकती है। यदि बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है, तो आने वाले समय में पीजीआई में व्यापक संस्थागत सुधार देखने को मिल सकते हैं।