- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 08:55
फ़रीदकोट: आज यानी शुक्रवार को कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर बाबा फ़रीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज के कैंसर विभाग द्वारा एक विशाल कैंसर जागरूकता सेमिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह सेमिनार माननीय कुलपति डॉ. राजीव सूद के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया। सेमिनार में जीजीएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय गुप्ता और गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीतू कुक्कड़ विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
मुख्य वक्ताओं द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी- कैंसर के लक्षण और उपचार
प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप गर्ग ने कैंसर के लक्षणों और उसके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस बीमारी से घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि इसका इलाज संभव है। उनके अनुसार, जितनी जल्दी इस बीमारी का पता चल जाए, उतनी ही इसके पूरी तरह ठीक होने की संभावना होती है। उन्होंने रोगी की इच्छाशक्ति और साहस को चिकित्सा उपचार के समान ही महत्व दिया।
महिलाओं में कैंसर और एचपीवी वैक्सीन
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रोमी कांत ग्रोवर ने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पर प्रकाश डाला और 9 वर्ष से अधिक आयु की लड़कियों को इससे बचाव के लिए टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यह टीका अब भारत में उचित दर पर तैयार किया जा रहा है।
अस्पताल द्वारा कैंसर के इलाज के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएँ
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीतू कुक्कड़ ने अस्पताल में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए सभी उच्च-स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं
सरकारी योजनाओं के तहत कैशलेस इलाज
मेडिकल रिकॉर्ड अधिकारी पद्मपाल मन्नी ने बताया कि अस्पताल में पंजाब सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे- मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना सरबत सेहत बीमा योजना (आयुष्मान) के तहत कैंसर का कैशलेस इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक विभाग में 35,400 से ज़्यादा मरीज़ पंजीकृत हो चुके हैं। लगभग 14,000 मरीज़ मुख्यमंत्री राहत कोष योजना के तहत और 60-70% मरीज़ आयुष्मान योजना के तहत अपना इलाज करवा रहे हैं। जिन मरीज़ों को इन योजनाओं के तहत इलाज नहीं मिल पाता, उनके लिए बहुत कम दरों पर इलाज उपलब्ध है। सेमिनार में पीजी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ़ और नर्सिंग छात्रों ने पोस्टर और भाषणों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। इस अवसर पर कैंसर की जंग जीत चुके मरीजों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस बीमारी में हिम्मत रखने की बहुत जरूरत है।