- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 05:45
चंडीगढ़: हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की जारी हड़ताल को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका उचित प्रारूप में दाखिल नहीं की गई थी। इसमें मामले से जुड़े आवश्यक दस्तावेज, अदालत के पूर्व आदेश और संबंधित जजमेंट की प्रतियां शामिल नहीं थीं। इसलिए अदालत ने इस याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो वे सभी दस्तावेजों के साथ इसे दोबारा दाखिल कर सकते हैं। उधर, डॉक्टरों की हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। इसी बीच राज्य सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुला लिया है। यह बैठक गुरुवार दोपहर बाद चंडीगढ़ में होगी। इससे एक दिन पहले सरकार ने डॉक्टरों की चार में से तीन प्रमुख मांगों को मानने की घोषणा कर दी थी।
सरकार के रुख में नरमी आने के बाद पंचकूला में पुलिस डॉक्टरों का धरना समाप्त करवाने के लिए पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि केवल तीन डॉक्टर प्रतीकात्मक रूप से बैठें और बाकी ड्यूटी पर लौट जाएँ, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े रहे और बैठक होने तक धरना खत्म करने से इनकार कर दिया। इस दौरान पंचकूला पुलिस और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMCA) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया के बीच तीखी बहस भी हुई। इससे पहले सरकार हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए डॉक्टरों पर एस्मा लागू कर चुकी है। आदेशों में हड़ताल पर रोक लगाई गई है और चेतावनी दी गई है कि ड्यूटी पर न लौटने पर वेतन रोका जा सकता है। साथ ही सरकार हड़ताली डॉक्टरों की सूची भी तैयार कर रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
2 दिनों में कितने मरीजों का इलाज हुआ
प्रदेश में 9 दिसंबर को करीब 70 हजार मरीजों ने ओपीडी सेवाएं लीं। इनके अलावा 2 हजार 433 मरीज भर्ती किए गए, 202 मरीजों के ऑपरेशन किए गए। 1 हजार 498 मरीजों को इमरजेंसी सेवाएं मिलीं। 320 महिलाओं की डिलिवरी हुई, 1 लाख 86 हजार मरीजों को दवाएं वितरित की गईं। इनके साथ ही 56 शवों के पोस्टमॉर्टम हुए। 10 दिसंबर को सरकार ने 2531 ऑप्शनल डॉक्टरों का अरेंजमेंट किया। इसमें 74 एसोसिएशन के डॉक्टरों ने दोबारा अपनी ड्यूटी जॉइन की।