- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 05:45
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। शून्यकाल के बाद विधायक घनश्याम ने सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कार्यवाही सामान्य रूप से आगे बढ़ी और लंच के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस विषय पर अपना वक्तव्य देना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम् देश के लिए वंदनीय है और इस पर चर्चा बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की चर्चाओं से युवाओं को देश के इतिहास और राष्ट्रवादी भावनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्वतंत्रता आंदोलन के संदर्भ में उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौर में उनकी कुर्सी डोलती हुई नजर आई थी।
मुख्यमंत्री का यह बयान सुनते ही विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। सदन का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया और कार्यवाही बाधित होने लगी। स्थिति को संभालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कांग्रेस के पांच विधायकों को नेम किया और उन्हें सदन से बाहर जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्पीकर ने वेल में मार्शलों को तैनात करने का आदेश भी दिया।
जब मार्शलों ने नेम किए गए विधायकों से सदन से बाहर जाने के लिए कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया। इस दौरान विधायकों और मार्शलों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई। सदन के भीतर इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कुछ देर के लिए कार्यवाही पूरी तरह ठप हो गई। घटना के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था और सदन की मर्यादा को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं। मामले के बाद स्पीकर ने सदन में अनुशासन बनाए रखने की अपील की और कहा कि नियमों का पालन करना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।