चंडीगढ़ (सोनिया अटवाल) - शहर में कोरोना महामारी की पाबंदियां हटने के बाद अब रात तीन बजे तक होटल, रेस्टोरेंट, बार और क्लब खुले रहते हैं। ऐसे में लोग रात तीन बजे तक शराब पीकर सडक़ों पर हुड़दंग मचाते है। शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है चंडीगढ़ में वाहन चालकों को डबल जिग-जैग (आड़ा-तिरछा) बैरिकेडिंग सिस्टम पार करना होगा। इसमें फेल होने वाले, गाड़ी में शराब-बीयर की बोतलें रखने वाले सहित संदेह के घेरे में आने वाले वाहन चालकों का अब पुलिस ब्लड टेस्ट भी करवा रही है और जल्द ही एल्कोमीटर का इस्तेमाल भी शुरू कर सकती है।
ध्यान रहे कि कोराना की वजह से पुलिस एल्कोमीटर से चालकों की जांच तो नहीं कर पा रही है, लेकिन अब शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों को पकडक़र सीधा अस्पताल लेकर जाकर मेडिकल टेस्ट करवा रही है। अब चंडीगढ़ में नाइट लाइफ बिल्कुल ओपन हो चुकी है। क्योंकि शहर में रात तीन बजे तक होटल, रेस्टोरेंट, बार और क्लब खुले रहते हैं। ऐसे में रात तीन बजे तक यहां शराब भी परोसी जाती है। वहीं, पुलिस ने शराब ड्राइविंग करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
ड्राइविंग लाइसेंस भी हो सकता है सस्पेंड:
पुलिस की जांच के दौरान अस्पताल में ब्लड सेंपल लेकर शराब की मात्रा का पता चल जाता है। इसके बाद पुलिस ड्रंक एंड ड्राइव ऑफेंस में गाड़ी भी जब्त करती है। इसके बाद आरोपितों को जिला अदालत में पेश होकर 10 हजार का चालान भुगतने के बाद ही गाड़ी मिलती है। साथ ही वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी तीन से छह महीने के लिए सस्पेंड किया जा रहा है।
नौ लोग भर चुके हैं 10-10 हजार रूपये का चालान:
चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-26 एरिया में ड्रंक एंड ड्राइव करने वालों पर नकेल कसने और चालान करने की शुरुआत की है। सबसे पहले होटल, रेस्टोरेंट, क्लब और बार के बाहर पुलिस की टीम जिग-जैग (आड़ा-तिरछा बेरिकेडिंग सिस्टम) को एक ही रूट पर 150 मीटर के अंदर दो जगह लगा रही है। इसे बेरिकेडिंग को वह वाहन चालक आसानी से पार कर लेता है जिसने ड्रिंक नहीं की हो। संदिग्ध मिलने पर पुलिस चालक को जीएमएसएच-16 ले जाकर उसका मेडिकल टेस्ट करवा रही है। अब तक इस प्रक्रिया के तहत कुल नौ वाहन चालक की गाडिय़ां जब्त कर 10-10 हजार रुपये का चालान किया जा चुका है।
एल्कोमीटर का दोबारा इस्तेमाल बन सकता है चुनौती:
कोरोना संक्रमण की वजह से पीजीआइ चंडीगढ़ की सलाह पर ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 10 मार्च 2020 से ड्रंक एंड ड्राइव नाके पर एल्कोमीटर से जांच बंद कर दी है। क्योंकि कोरोना की शुरुआत में पुलिस पर एल्कोमीटर से टेस्टिंग को लेकर विरोध कर एक ही पाइप से कई लोगों की टेस्टिंग का आरोप लगा था। हालांकि ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि नाके पर हर बार एल्कोमीटर की पाइप नई लगाई जाती है। इसके बाद पीजीआइ से सलाह लेने पर हर बार पाइप बदलने की नसीहत मिली थी। इसके बाद से ड्रंक एंड ड्राइव के नाके बंद कर दिए थे। अब दोबारा से एल्कोमीटर के उपयोग पुलिस के सामने चुनौती साबित होंगे।
दूसरे राज्यों से गाडिय़ों की बढ़ गई है आवाजाही:
ड्रंक एंड ड्राइव करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए एरिया में थाना पुलिस जिग-जैग नाकाबंदी कर चालान कर रही है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का सीधा जीएमएसएच-16 में मेडिकल कराया जा रहा है। हालांकि, मेडिकल टेस्ट कराने से पहले वाहन चालक को जिग-जैग नाकाबंदी सहित पुलिस की पूछताछ प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है। संदिग्ध मिलने पर ही वाहन चालक का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है। कोविड नियमों की पाबंदियों से छूट मिलने के बाद एक से दूसरे राज्य में बेरोक टोक आने-जाने वाले पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की गाडय़िों की आवाजाही चंडीगढ़ में बढ़ गई है।
2020 से 2021 में सडक़ हादसों में मरने वालों की संख्या हुई दोगुनी:
वर्ष 2021 में सडक़ हादसों का ग्राफ काफी बढ़ गया। 2020 में 143 हादसों में जहां 46 लोगों की मौत हुई थी वहीं 2021 में 185 हादसों में 87 लोग जान गंवा चुके हैं। शहर के पूर्वी इलाके में हुए हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। साल 2020 में पूर्वी इलाके में 18 लोगों की जान गई जबकि 2021 में 36 लोगों की मौत हुई। 2021 में 84 ऐसे घातक हादसे हुए, जिसमें 86 लोगों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर हादसों का मुख्य कारण रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीड रहा। वहीं बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाने से ज्यादातर मौत हुई।
इस वर्ष सडक़ हादसों के आंकड़े:
माह हादसे मौत घायल
जनवरी 12 2 10
फरवरी 27 7 15
मार्च 24 6 19
अप्रैल 18 5 21