चंडीगढ़( मयंक मिश्रा): सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नया डिजाइन तैयार हो गया है। स्पीड ट्रायल के लिए ट्रेन का रेक चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) चेन्नई से ‘वंदे भारत’ ट्रायल के लिए रवाना हो चुकी है। अंबाला रेल मंडल के चंडीगढ़-लुधियाना रेल सेक्शन पर इसका ट्रायल होगा। इसके लिए लखनऊ से रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम आ चुकी चुकी है।
यह टीम 10 दिनों तक इस सेक्शन पर ट्रेन के ट्रायल में यात्री सुविधा और सेफ्टी की जांच करेगी। कुछ ट्रायल खाली ट्रेन पर और कुछ वजन रखकर किए जाएंगे ताकि ट्रेन की गुणवत्ता को कंफर्म किया जा सके। इन सभी ट्रायल में डेढ़ माह से दो महीने का समय लग सकता है। इतना ही नहीं, अधिकारियों के अनुसार, जरूरत पड़ने पर रोजाना अतिरिक्त घंटे ट्रायल भी किया जा सकता है। ट्रायल सफल होने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से क्लीयरेंस ली जाएगी, जिसके बाद ट्रेन का नियमित संचालन होगा।
यह ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। पहले की वंदे भारत और नए वर्जन में काफी अंतर है। यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए कई नए फीचर इसमें जोड़े गए हैं। यहां से ट्रायल पूरा होने के बाद इसका राजस्थान के कोटा से मध्य प्रदेश के नागदा सेक्शन तक ट्रायल होगा। वहां पर 180 किलोमीटर (किमी) प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाया जाएगा। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आईसीएफ चेन्नई गए थे, जहां पर उन्होंने इसकी खूबियां देखी थीं। ट्रायल रिपोर्ट आने के बाद इस ट्रेन को किस रूट पर दौड़ानी है, इसको लेकर मंथन शुरू होगा।
गौरतलब है कि ट्रेन की रेक्लाइनिंग सीट को पुशबैक से लैस किया है, जिसमें सीट को आगे-पीछे किया जा सकता है। इसमें अलार्म सिस्टम लगाया गया है अगर कोई यात्री धूम्रपान करता है तो अलार्म बजेगा। आपातकालीन स्थिति में प्रत्येक कोच में लोको पायलट से बात करने के लिए चार माइक और स्विच लगाए हैं। ट्रेन को रोकने के लिए भी पुश बटन हैं।
ट्रेन में दो कोच ऐसे हैं, जिससे पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी। ट्रेन की पावर फेल होने पर लाइट तीन घंटे तक आन रहेगी। ट्रेन के कोच बैक्टीरिया फ्री एयर कंडीशनिंग में रहेंगे। पैसेंजर इंफार्मेशन सिस्टम इंस्टॉल किया गया है। दरवाजे और खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल है, जिससे आग लगने की स्थिति में भी दरवाजा और खिड़कियां खोलना आसान होगा।
वर्तमान में नई दिल्ली से कटरा और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है। ऐसे में नए वर्जन वाली ट्रेन नई दिल्ली से चंडीगढ़ या नई दिल्ली से लखनऊ और नई दिल्ली से अमृतसर के बीच दौड़ाई जा सकती है। ऐसे रूट पर मंथन किया जा रहा है, जिस पर ट्रेन सुबह जाकर शाम को वापस आ जाए।
बता दें कि कवच तकनीक वाली पहली वंदेभारत एक्सप्रेस का नया वर्जन है। पटरी पर दौड़ रही इस ट्रेन के सामने उसी पटरी पर यदि कोई ट्रेन आती है तो 380 मीटर पहले ही यह रुक जाएगी। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रेलवे की ओर से 75 वंदे भारत ट्रेनों को अगस्त 2023 तक उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टेस्ट ट्रायल सफल होने के बाद वंदे भारत का इस्तेमाल कामर्शियल रूप से किया जा सकेगा। इसी को लेकर रेलवे अपनी तैयारी तेज कर रहा है।