चंडीगढ़(मयंक मिश्रा): इलेक्ट्रिक वाहनों 9 ईवी( को बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने 20 सितंबर, 2022 को घोषित हुई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत ईवी खरीदारों के लिए कुछ लाभ देने का फैसला किया है। पांच साल के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स में छूट रहेगी। इस संबंध में वीरवार को यूटी के परिवहन सचिव नितिन कुमार यादव की ओर से अधिसूचना जारी की गई। इनमें सभी दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहन, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल, प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल शामिल हैं। पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट, 1924, जो कि चंडीगढ़ में भी लागू है, के सेक्शन 13 के सब सेक्शन 1 के मिले अधिकार के तहत प्रशासन ने टैक्स से छूट देने का फैसला लिया है। साथ ही साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 17 जुलाई, 2019 के तहत जारी पत्र के तहत भी यह फैसला लिया गया है जिसमें टैक्स में छूट देने का उल्लेख था। इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों की टैक्स पर छूट वीरवार से पांच सालों के लिए लागू होगी जबकि बैटरी आपरेटेड वाहनों पर छूट 18 मार्च, 2023 से 17 मार्च, 2023 तक लागू होगी।
प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को इसेंसिव भी दिया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्ट्रेशन के 15 दिन बाद व्यक्ति को इंसेंटिव की राशि मिल जाती है। कमर्शियल वाहन खरीदने पर दो लाख, इलेक्ट्रिक ऑटो और दोपहिया वाहन खरीदने पर 30 हजार रुपये का इंसेंटिव दिया जा रहा है। अभी तक छह हजार इलेक्ट्रिक वाहन आरएलए में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। क्रेस्ट की ओर से अप्रैल तक 964 इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर कुल 6 करोड रुपए इंसेंटिव दिया जा चुका है। ईवी पॉलिसी के तहत बीते 8 महीने में अब तक क्रेस्ट ने करीब 6 करोड़ रुपये दिये हैं। क्रेस्ट के आंकड़ों की मानें तो इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सबसे ज्यादा लाभ दोपहिया वाहनों के खरीदारों ने उठाया है आंकड़ों पर नजर डालें तो 705 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सबसे ज्यादा इंसेंटिव दिया गया है। जबकि 241 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों और 17 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन को खरीद पर कुल छह करोड़ रुपये इंसेंटिव दिया गया है।
शहर में ईवी पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी होने के बाद से लोगों में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का क्रेज बढ़ रहा है। प्रशासन की ओर से सितंबर 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नीति जारी की गई थी। इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी आने के बाद से अब तक आरएलए में 1500 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। इन 1500 इलेक्ट्रिक वाहनों में से 1095 दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन, 353 चार पहिया और 102 तीन पहिया वाहन शामिल है। इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में यूटी में हर साल पेट्रोल और डीजल दोपहिया और तिपहिया वाहनों की संख्या को सीमित करने का भी उल्लेख किया गया है।
गौरतलब है कि यूटी प्रशासन ने पांच साल के लिए इलेक्ट्रिक वाहन को रजिस्टर्ड करने का टारगेट भी रखा है। प्रशासन ने इस साल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और आटो रजिस्टर्ड करने का टारगेट 35 फीसदी रखा है। अगर इस साल ईंधन से चलने वाले 65 फीसदी वाहन रजिस्टर्ड हो गए तो नए वाहन रजिस्टर्ड नहीं होंगे। ईंधन से चलने वाले वाहन खरीदने वाले लोगों को अगले साल का इंतजार करना होगा। जबकि पहले साल इलेक्ट्रिक कार रजिस्टर्ड करने का टारगेट दस फीसदी रखा गया है। अगले साल 20 फीसदी का टारगेट रखा गया है। जबकि पांचवें साल 50 फीसदी का टारगेट रखा गया है। अन्य सभी कैटेगरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड करने का टारगेट 100 फीसदी रखा गया है। इस प्रकार आने वाले पांच साल ईंधन से चलने वाले वाहन पूरी तरह से रजिस्टर्ड होने खत्म हो जाएंगे।