नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है और ये आपदाएं अधिक गंभीर होती जा रही हैं तथा लोगों, परिवारों और समुदायों पर इसका वास्तविक प्रभाव आंकड़ों से भी कहीं अधिक है। आपदा रोधी अवसंरचना अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (सीडीआरआई) के छठे संस्करण में पहले से रिकॉर्डेड संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, बेहतर कल के लिए देशों को सशक्त बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में सुदृढ़ता को और आपदा के बाद पुनर्निर्माण में भी इसे शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, जैसा कि हम सभी ने देखा कि लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है और ये अधिक गंभीर होती जा रही हैं। इनसे होने वाले नुकसान का आकलन आमतौर पर डॉलर में किया जाता है, लेकिन लोगों, परिवारों और समुदायों पर इनका वास्तविक प्रभाव आकड़ों से कहीं अधिक होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, भूकंप से घर तबाह हो जाते हैं, जिसके कारण हजारों लोग बेघर हो जाते हैं। प्राकृतिक आपदाएं जल और सीवेज प्रणाली को बाधित कर सकती हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। कुछ आपदाएं ऊर्जा संयंत्रों को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे संभावित खतरनाक परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति और आपदाओं की कोई सीमा नहीं होती तथा इसका सभी पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। मोदी ने कहा, समस्त विश्व सामूहिक रूप से तभी सुदृढ़ हो सकता है, जब प्रत्येक देश अपने आप में सुदृढ़ हो। साझा जोखिमों के कारण साझा सुदृढ़ता जरूरी है।