रायबरेली : रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने गांधी परिवार पर रायबरेली-अमेठी के प्रति 'नफरत' का भाव रखने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से किसी स्थानीय नेता के बजाय पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के 'क्लर्क' को ही क्यों चुना। रायबरेली की हाई-प्रोफाइल सीट पर चुनावी मुकाबले में राहुल गांधी से मुकाबला कर रहे सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' से साक्षात्कार में यह भी दावा किया कि राहुल 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी मां सोनिया गांधी की जीत के अंतर से भी ज्यादा वोटों से हारेंगे। सोनिया गांधी ने 2019 में दिनेश प्रताप सिंह को ही एक लाख 67 हजार से अधिक वोटों से हराया था। हालांकि, यह रायबरेली सीट पर एक उपचुनाव सहित पांच चुनावों में सोनिया की जीत का सबसे कम अंतर था। सिंह ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी से नफरत है, इसीलिए उन्होंने 1952 के बाद से न तो इन सीट पर वहां के किसी मूल निवासी को लोकसभा चुनाव में उतारा और न ही किसी को राज्यसभा भेजा। उन्होंने दावा किया, गांधी परिवार के मन में अमेठी-रायबरेली के लिए इतनी नफरत भरी हुई है कि 1952 से लेकर अब तक गांधी परिवार ने कभी भी रायबरेली में किसी मां की कोख से जन्मे व्यक्ति को लोकसभा का टिकट नहीं दिया। रायबरेली के किसी भी बेटे को राज्यसभा नहीं भेजा गया और गांधी परिवार ने रायबरेली से किसी को सांसद प्रतिनिधि तक नहीं बनाया। सिंह ने अमेठी से कांग्रेस के उम्मीदवार के एल शर्मा की तरफ इशारा करते हुए कहा, सांसद प्रतिनिधियों को भी बाहर से लाया गया है। आज यह लोगों के सामने है। लुधियाना से लाया गया व्यक्ति, जो प्रियंका गांधी का क्लर्क है, क्या वह ही अमेठी से चुनाव लड़ सकता है? क्या अमेठी में कोई कांग्रेस नेता नहीं था? भाजपा नेता ने कहा, अमेठी-रायबरेली के प्रति गांधी परिवार के मन में जो नफरत है, वह इस रूप में प्रकट होती है कि हम अमेठी या रायबरेली के किसी व्यक्ति को टिकट नहीं देंगे बल्कि दिल्ली या लुधियाना से किसी व्यक्ति को टिकट देंगे। सिंह ने दावा किया कि इस बार अमेठी-रायबरेली की जनता गांधी परिवार को उसके इस रवैये के लिये करारा जवाब देगी।