मकर संक्रांति हिंदूओ के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पर्व के साथ ही सारे शुभ और मंगल काम शुरू हो जाते हैं क्योंकि इस दिन से खरमास भी समाप्त होता है। पौष मास में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस काल विशेष को ही संक्रांति कहते हैं। कहीं-कहीं इस दिन को 'खिचड़ी' के नाम से जाना जाता है। इस पावन दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। इस दिन काले तिल को विशेष रूप से दान किया जाता है।
'मकर संक्रांति' का शुभ मुहूर्त
• मकर संक्रांति : 14 जनवरी 2022
• पुण्य काल- 14 जनवरी को दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक
• पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट
• मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल- 14 जनवरी को दोपहर 02.43 से 04:28 तक
• कुल अवधि - 01 घंटा 45 मिनट
'मकर संक्रांति' का शुभ मुहूर्त
• मकर संक्रांति : 14 जनवरी 2022
• पुण्य काल- 14 जनवरी को दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक
• पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट
• मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल- 14 जनवरी को दोपहर 02.43 से 04:28 तक
• कुल अवधि - 01 घंटा 45 मिनट
भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग किया था
तो वहीं कुछ लोग ये भी कहते हैं कि इस दिन भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग किया था इसलिए यह दिन पावन कहा जाता है तो वहीं गंगा नदी सागर में जाकर मिली थीं इसलिए इस दिन गंगा स्नान का महत्व है। वैसे मौसम की बात करें तो इस दिन भयंकर सर्दी का खात्मा होता है इसलिए भी यह दिन बहुत ज्यादा पावन है।
दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण, जप, तप का खासा महत्व
कुल मिलाकर कर इस दिन दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण, जप, तप का खासा महत्व है।
इन मंत्रों से कीजिए सूर्यदेव की पूजा
माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम। स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥